भारत के दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है. अडानी मामले को लेकी कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं और दोनों ही एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
इसी बीच राहुल गांधी ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग कर डाली. उन्होंने इस मामले में पीएम मोदी को भी निशाने पर लिया. राहुल गांधी ने कहा कि इस बार हमने कोई आरोप नहीं लगाए हैं बल्कि ये मसला अमेरिका से उठा है.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने नारा दिया एक हैं तो सेफ हैं. भारत में नरेंद्र मोदी और अडानी एक हैं तो सेफ हैं. हिंदुस्तान में अडानी का कुछ नहीं किया जा सकता. यहां मुख्यमंत्री को जेल भेज दिया जाता है और अडानी 2000 करोड़ का घोटाला करके भी बाहर घूम रहे हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी उनकी रक्षा कर रहे हैं.
अमेरिकी जांच में कहा गया है कि अडानी ने हिंदुस्तान और अमेरिका में क्राइम किया है मगर हिंदुस्तान में अडानी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि अडानी को गिरफ्तार किया जाए, सेबी प्रमुख माधवी बुच को उनके पद से हटाया जाए और उनकी जांच की जाए.
राहुल ने पीएम मोदी पर बड़ा और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी जी अडानी के कंट्रोल में है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते इस मुद्दे को उठाना मेरी जिम्मेदारी है. अडानी ने भ्रष्टाचार करके हिंदुस्तान में संपत्ति हासिल की है इसलिए हम जेपीसी की मांग करते हैं.
हम चाहते हैं कि अडानी को अरेस्ट किया जाए लेकिन हमें पता है कि इन्हें अरेस्ट नहीं किया जाएगा क्योंकि पीएम मोदी अडानी की रक्षा कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम इनके पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करेंगे और आपको बताएंगे किवे कौन लोग है जिन्होंने हिंदुस्तान को हाईजैक किया हुआ है.
उन्होंने कहा कि जहां भी करप्शन है वहां पर जांच होनी चाहिए मगर जांच अडानी से शुरू होनी चाहिए. अडानी को अरेस्ट कीजिए, उनसे पूछताछ कीजिए और फिर जो भी इस भ्रष्टाचार में लिप्त हो उसे पकड़िए.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपको बता रहा हूं कि इस जांच के आखिर में नरेंद्र मोदी का नाम आएगा और नरेंद्र मोदी के अंदर क्षमता नहीं है कि वो अडानी को गिरफ्तार कर सकें. क्योंकि जिस दिन अडानी गिरफ्तार होंगे उस दिन नरेंद्र मोदी भी फसेंगे.
बता दें कि यूनाइटेड स्टेट आटॉर्नी ऑफिस का आरोप है कि सोलर एनर्जी से जुड़ा एक कान्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारत में अमेरिकी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर यानि की तकरीबन 2236 करोड़ रूपये की रिश्वत देने और उसे छिपाने की कोशिश की गई.
गौतम अडानी को कथित अरबों डॉलर की रिश्वत और धोखाधड़ी योजना में उनकी भूमिका के लिए अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन द्वारा दोषी ठहराया गया है.
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला सोलर एनर्जी सप्लाई का एक कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले से जुड़ा है. आरोप है कि गौतम अडानी उनके भतीजे सागर अडानी समेत सात अन्य लोगों ने कान्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी.
ये रिश्वत साल 2020 से 2024 के बीच दिए जाने का आरोप है. मीडिया रिपोर्टस की मानें तो इस सौदे से अडानी को अगले 20 सालों में 2 बिलियन डॉलर का फायदा होने का अनुमान था.
इस मामले में अमेरिकी अदालत ने ये भी कहा कि अडानी और अडानी ग्रीन एनर्जी के अन्य कार्यकारी विनीत जैन ने ऋणदाताओं और निवेशकों को धोखे में रखकर कंपनी के लिए 3 अरब डॉलर से अधिक के ऋण और बांड जुटाए.