Delhi Vehicle Ban: देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार से लोगों को आवागमन में परेशानी हो सकती हैं. क्योंकि दिल्ली में पांच लाख कारों पर प्रतिबंध लग गया हैं. शुक्रवार को ग्रेप-तीन के नियम लागू हो जाएंगे. ऐसे में लगभग पांच लाख कारें खड़ी हो जाएंगी. क्योंकि बीएस-3 पेट्रोल बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लग गया है.

नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिक पर 20 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. दिल्ली में बीएस-3 के दो लाख पेट्रोल वाहन व बीएस-4 के तहन लाख से अधिक डीजल वाहन हैं. लोगों की परेशानी का कारण यह है कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से मजबूत नहीं है. पर्यावरण बसें भी अभी नहीं चल रही हैं.

2020 से पहले के पंजीकृत चार पहिया वाहन नहीं चलेंगे :

प्रतिबंध के तहत बीएस-3 पेट्रोल यानी एक अप्रैल 2010 से पहले के पेट्रोल वाहन और बीएस-4 डीजल के एक अप्रैल 2020 से पहले के पंजीकृत चार पहिया डीजल वाहन दिल्ली में नहीं चल पाएंगे। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग ने 114 टीमें तैनात की है। हालांकि, आपातकालीन सेवाओं के लिए तैनात वाहन और सरकारी कार्यों में लगे वाहन इस प्रतिबंध के दायरे में नहीं आएंगे.

 Delhi Vehicle Ban: 2020 से पहले के पंजीकृत चार पहिया वाहन नहीं चलेंगे

प्रतिबंध के तहत बीएस-3 पेट्रोल यानी एक अप्रैल 2010 से पहले के पेट्रोल वाहन और बीएस-4 डीजल के एक अप्रैल 2020 से पहले के पंजीकृत चार पहिया डीजल वाहन दिल्ली में नहीं चल पाएंगे.

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग ने 114 टीमें तैनात की है. हालांकि, आपातकालीन सेवाओं के लिए तैनात वाहन और सरकारी कार्यों में लगे वाहन इस प्रतिबंध के दायरे में नहीं आएंगे.

600बसें लाए जाने का सरकार का प्रस्ताव :

मगर डीटीसी और डिम्टस के सामने संकट यह है कि फेरे कैसे बढ़ेंगे, जब पहले से सभी कंडीशन वाली बसें 100 प्रतिशत सड़कों पर उतर रही हैं. सरकार पिछले सालों में प्रदूषण बढ़ने पर पर्यावरण बसों के लिहाल से 600 बसें किराये पर लेती रही है.

इस साल ये बसें अभी नहीं आ सकी हैं. सूत्रों की मानें तो इस बार भी 600 बसें लाए जाने का सरकार का प्रस्ताव है. दिल्ली के अलावा दूसरे राज्याें से भी बसें लाए जाने की योजना है। मगर इसमें समय लगने की संभावना है.