winter solstice: सर्दियों के दिनों में आम तौर पर दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं. मध्य नवंबर से लेकर फरवरी तक के समय को भारत में शीत ऋतु कहा जाता है. इस दौरान हल्की ठंड से शुरूआत होकर फिर कड़ाके की ठंड पड़ती है, अंत में फिर धीरे-धीरे ठंड कम होने लगती है.

winter solstice

साल के 365 दिनों में एक दिन ऐसा भी होता है जिसे शीतकालीन संक्रांति या फिर हाइबरनल संक्रांति कहा जाता है. ये दिन साल साल का सबसे छोटा दिन होता है.

winter solstice

अधिकांश लोगों को शीतकालीन संक्रांति(winter solstice) के बारे पता नहीं होता है, उनका यही मानना होता है कि सर्दियों के दिनों में रातें लंबी और दिन छोटा होता है.

शीतकालीन संक्रांति(winter solstice) के दिन सूर्य बहुत जल्दी अस्त हो जाता है, लेकिन दुनिया के हर हिस्से में ऐसा नहीं होता है, बल्कि उत्तरी गोलार्ध के देशों में ही ऐसा होता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध वाले देशों में स्थिती बिल्कुल उलट होती है. वहां पर दिन बड़ा और रातें छोटी होती हैं.

भूगोल की भाषा में इसे शीत अयानंत भी कहा जाता है. भूगोल के अनुसार जब पृथ्वी का कोई ध्रुव सूर्य से दूर अपने अधिकतम झुकाव पर होता है तब रात और दिन की अवधि में अंतर आ जाता है.

उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति 21, 22 या 23 दिसंबर को हो सकती है. इस साल शीतकालीन संक्रांति 21 दिसंबर को पड़ रही है यानि कि 21 दिसंबर का दिन साल का सबसे छोटा दिन है.

नासा के मुताबिक 21 दिसंबर को सूर्योदय सुबह 07 बजकर 09 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 28 मिनट पर हो जाएगा. नासा के मुताबिक 21 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 20 मिनट पर संक्रांति होगी, इस समय से उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों तो दक्षिणी गोलार्ध में गर्मियों की शुरूआत हो जाती है.

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