Vijay Laxmi Gautam: उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम को उस समय असुविधा का सामना करना पड़ा, जब उन्हें वहां बैठने के लिए कोई कुर्सी उपलब्ध नहीं कराई गई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वहीं समाजवादी पार्टी से जुड़े कई नेताओं ने भी इस वीडियो को शेयर किया और बीजेपी पर निशाना साधा. सपा ने इस मामले को लेकर बीजेपी की दलितों के प्रति मानसिकता को उजागर किया है.

Vijay Laxmi Gautam का वीडियो हो रहा खूब वायरल

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं और उनके पीछे यूपी सरकार में मंत्री Vijay Laxmi Gautam खड़ी हैं. इस मामले में सपा नेता आईपी सिंह ने लिखा है, योगी आदित्यनाथ की सरकार में दलित मंत्री काा अपने ही गृह जनपद देवरिया में घोर अपमान.

ग्रामीण विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम जी को बैठने तक के लिए कुर्सी नहीं दी गई. वहीं केशव प्रसाद मौर्य और सभी लोकल सवर्ण नेता मंच पर मौजूद रहे. एक चैनल ने जब इसकी जांच की तो ये बात सही निकली. प्रेस कांफ्रेस के दौरान विजय लक्ष्मी गौतम खड़ी थी.

Vijay Laxmi Gautam

पहली बार विधायक और बन गईं मंत्रीः

पार्टी के समीकरणों में फिट बैठने के चलते विजय लक्ष्मी गौतम को पहली बार विधायक बनने के साथ ही लाल बत्ती मिल गई. देवरिया के इतिहास में ये पहली बार मौका था कि जब पहली बार कोई विधायक चुना गया हो और उसे मंत्री भी बनाया गया हो. बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली विजय लक्ष्मी गौतम की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है.

समाजशास्त्र से परास्नातक करने वाली विजयलक्ष्मी ने बीजेपी के बैनर तले राजनीति शुरु. वो इस समय बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की एक बार सदस्य भी रहीं. पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए साल 2012 में सलेमपुर सुरक्षित सीट से टिकट दिया लेकिन वो इस दौरान समाजवादी पार्टी के मनबोध प्रसाद से हार गईं. 2017 में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया तो वो सपा में शामिल हो गई .

सपा ने उन्हें टिकट दिया लेकिन इस बार वो बीजेपी के कालीप्रसाद से चुनाव हार गईं. साल 2022 के चुनाव में एक बार फिर उन्होंने पलटी मारी और बीजेपी में शामिल हो गई, हालांकि इस बार पार्टी नेतृत्व के फैसले को सही ठहराया और सुभासपा के मनबोध प्रसाद को 14,608 मतों से चुनाव हराकर विजयश्री प्राप्त की.

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