उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार का रुख़ जीरो टॉलरेंस पर है। गांवों में विकास कार्यों की गुणवत्ता पर नज़र रखने के लिए योगी सरकार ड्रोन तकनीक का सहारा ले रही है। गांवों में बन अहरे आवास, पेयजल की सुविधा, सिंचाई से संबंधित कार्य, सड़क निर्माण, खेल के मैदान का निर्माण और पौधारोपण जैसी महत्वपूर्ण कार्यों की निगरानी के लिए सीएम योगी ने महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है। पूरे प्रदेश में इन कार्यों व मनरेगा संबंधित कार्यों का सत्यापन करने के लिए ज़िला मुख्यालय पर टीमें लगाई गई हैं।
ड्रोन से वीडियोग्राफ़ी और फोटोग्राफ़ी
योगी सरकार विकास कार्यों की निगरानी ड्रोन तकनीक से वीडियोग्राफ़ी और फोटोग्राफी के ज़रिए कर रही है। राज्य मुख्यालय स्तर पर तैनात टीमों द्वारा जनपदों में जाकर कार्यों की निरंतर ड्रोन तकनीक से वीडियोग्राफ़ी और फोटोग्राफ़ी का कार्य किया जा रहा है। ड्रोन तकनीक के ज़रिए विकास कार्यों की निगरानी और निरीक्षण का उद्येश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का लाभ वास्तविक रूप से जनता तक पहुंचे और कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी ना हो।
अधिकारियों की जवाबदेही होगी तय
प्रदेश के गांवों में हो रहे विकास कार्यों के निरीक्षण के बाद जिन ज़िलों में कार्य तय मानक के अनुसार नहीं हुए हैं। उन ज़िलों के ज़िम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। सरकार ने ज़िलों से संबंधित अधिकारियों को राज्य स्तरीय ड्रोन टीम का पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है।
बांदा ज़िले प्रयोग हुआ सफल
इस काम के लिए राज्य मुख्यालय स्तर पर तैनात टीमों की संख्या में भी इजाफा किया गया है। विभाग की ओर कहा गया है कि टीमों की संख्या बढ़ाने का उद्येश्य ज़्यादा से ज़्यादा कार्यस्थलों पर ड्रोन कैमरों की पहुंच को बढ़ाना है। जिससे कामों की पारदर्शिता और गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके। इसका पहला सफल प्रयोग बांदा ज़िले में किया गया है।