उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को अब ग़लत बिजली बिल का सामना नहीं करना पड़ेगा। मीटर में जो रीडिंग होगी उसी के मुताबिक़ बिजली बिल बनेगा। ग़लत बिजली बिल समस्या को दूर करने के लिए विभाग ने प्रोब के साथ ही ओसीआर बिलिंग व्यवस्था बनाई है। ओसीआर के तहत मीटर स्कैन करके ही बिजली का बिल बनेगा। जहां ओसीआर काम नहीं करेगा। वहां प्रोब से बिजली का बिल बनाया जाएगा।
साथ ही रीडर के साथ विभाग का एक संविदकर्मी भी रहेगा, जो देखेगा कि बिजली का बिल बन रहा है वह सही है या नहीं। कई स्थानों से ऐसी शिकायतें आती हैं कि रीडिंग अधिक दिखाई जा रही है। घर बैठे ही रीडर बिजली का बिल बना रहे हैं। ऐसी तमाम शिकायतें अधिकारियों के पास हर रोज़ पहुँचती हैं। उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल मिले इसके लिए विभाग ने प्रोब बिलिंग शुरू की है।
विभाग ने ओसीआर बिलिंग भी शुरू की है। यह एक लीड होती है जिसका एक सिरा मीटर और दूसरा सिरा मोबाइल में लगाया जाता है। इसके बाद मीटर में दर्ज रीडिंग इसमें आ जाती है। जिसके बाद मशीन से बिजली बिल निकालकर उपभोक्ताओं को दे दिया जाता है।
दरअसल, अधिकांश मीटरों में प्रोब से बिलिंग का बिल नहीं पा रहा और उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं निकला। ऐसे में विभाग ने ओसीआर बिलिंग की व्यवस्था लागू कर दी है। ओसीआर बिलिंग में उपभोक्ता के मीटर की फ़ोटो खींचकर बिल बनाने के लिए मनमानी रीडिंग नहीं डाली जा सकती है। बिलिंग ऐप के जरिए मीटर में जो रीडिंग और डिमांड आ रही है। उसको स्कैन किया जाएगा और उपभोक्ता को बिल मिल जाएगा।