देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने ग्राहकों को चेतावनी दी है कि 1 नवंबर से यूजर्स को ट्रांजैक्शस के अलर्ट और सर्विस मिलने में परेशानी उठानी पड़ सकती है. क्योंकि TRAI ने अगस्त में नए नियमों को पेश किया था. इन नियमों के तहत सभी मैसेज के स्रोतों के बारे में पता लगाना जरुरी होगी. इसका सीधा उद्देश्य ये है कि सामने वाले की इससे जवाबदेही तय होगी. हालांकि AIRTEL और JIO जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने चेतावनी दी है कि इससे बैंक ट्रांजैक्शंस और एकाउंट अलर्ट जैसे मैसेज भेजने की उनकी क्षमता पर बड़ा असर पड़ सकता है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने TRAI को पत्र लिखकर मैसेज के सोर्स को ट्रेस करने की क्षमता को लेकर नियम में छूट देने की मांग की है. टेलीकॉम कंपनियों का दावा है कि इस नियम से OTP और अन्य महत्वपूर्ण एक्टिविटीज वाले SMS भेजने में मुश्किल हो सकती है. क्योंकि टेलीमार्केटर्स और बैंक, ई-कॉमर्स कंपनियों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस जैसी प्रिंसिपल एंटिटीज ने इसके लिए जरुरी टेक्निकल सॉल्यूशन को लागू नहीं किया है.
टेलीकॉम कंपनियों को कहना है कि सर्विस में रुकावट को न्यूनतम करने और कस्टमर्स की सुविधा के लिए वे PE और टेलीमार्केटर्स को प्रति दिन की रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगी, जिससे कम्प्लायंस से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगी. ये दूसरी बार है जब कामर्शियल मैसेजेज को लेकर TRAI के रुल की समयसीमा एक महीना बढ़ाने का टेलीकॉम कंपनियों ने निवेदन किया है. वहीं TRAI ने स्पैम कॉल्स को लेकर भी सख्ती शुरु कर दी है.
अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केट्स पर लगाम कसने के लिए हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों ने 2.75 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन को बंद दिया था. इसके साथ ही बहुत सी फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया गया था. इस साल की पहली छमाही में TRAI को अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स से स्पैम कॉल्स की 7.9 लाख से अधिक शिकायतें मिली हैं. TRAI ने अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स से प्रमोशनल कॉल्स को रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं.