दिवाली से पहले हर बार पटाखे फोड़ने के लिए गाइडलाइन जारी की जाती है. मगर इस गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए हर बार पटाखे फूटते और हवा पूरी तरह प्रदूषित हो जाती. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. दिल्ली में दिवाली की रात प्रदूषित हवा खतरनाक स्तर तक पहुँच गयी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखे फोड़ने का जो तय समय दिया गया था उसे ताक पर रखकर जमकर आतिशबाजी हुई. दिल्ली में कई जगह एयर क्वालिटी इंडेक्स पर प्रदूषण का स्तर 999 रहा, जोकि प्रदूषण का खतरनाक स्तर है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखे फोड़ने की इजाजत रात 10 बजे तक ही है. इसके साथ ही कोर्ट द्वारा ग्रीन पटाखों के निर्माण और बिक्री की इजाजत दी गयी थी. ग्रीन पटाखे हवा को प्रदूषित नहीं करते हैं.
प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की बिक्री न हो इसके लिए कोर्ट ने पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी थी. साथ ही कहा गया था कि इसका उल्लंघन होने पर थाना के एसएचओ को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार माना जाएगा और ये कोर्ट की अवमानना होगी.
दिल्ली के अलावा देश के बाकी शहरों का हाल भी कुछ ऐसा ही है. पहले से ही प्रदूषित शहरों की हवा दिवाली पर पटाखों के धूम धड़ाके के बीच और भी प्रदूषित हो गयी है. हवा का ये खतरनाक स्तर लोगों की सेहत के लिए बेहद हानिकारक है.