उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर सभी राजनैतिक दल तैयारियों में जुटे हुए हैं. प्रत्याशियों का एलान और नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है.

सत्ताधारी दल और प्रमुख विपक्षी दल के बीच पोस्टर वार छिड़ गया है. दोनों दलों की ओर से नए-नए नारे भी गढ़े जा रहे हैं. हिंदुत्व के मुद्दे को धार देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ ने बटोगे तो कटोगे का नारा दे दिया है.

यूपी के अलावा अन्य चुनावी राज्यों में भी सीएम योगी की तस्वीर के साथ बटेंगे तो कटेंगे के नारे वाले पोस्टर जगह-जगह लगाए जा रहे हैं. सीएम योगी ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद हिंदुओं को एकजुट करने के लिए बटेंगे तो कटेंगे का नारा दिया था.

धीरे-धीरे ये नारा बीजेपी का राजनीतिक हथियार बन गया. दिवाली के अवसर पर अयोध्या में हुए भव्य दीपोत्सव पर भी सीएम योगी ने इस नारे को दोहराया था.

बीजेपी की ओर से इन नारों वाले पोस्टर का जवाब देने के लिए अब समाजवादी पार्टी ने भी जवाबी नारे के साथ राजधानी लखनऊ में पोस्टर लगाने शुरू कर दिए हैं. सपा की ओर से लगाए पोस्टर में लिखा है कि जुड़ेंगे तो जीतेंगे.

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि पीडीए के एकजुट होने से भाजपा पूरी तरह से घबरा गई है और इसीलिए बटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे दे रही है. सपा की ओर से दावा किया गया है कि पार्टी प्रदेश की सभी 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में विजयी होगी.

इससे पहले सपा के दिग्गज नेता शिवपाल यादव ने बटेंगे तो कटेंगे वाले नारे का जवाब देते हुए कहा था कि ना बटेंगे ना कटेंगे जो ऐसी बात करेंगे वो पिटेंगे.