एक विशाल तूफान सूर्य से धरती की ओर बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों की नजर इस तूफान पर टिकी हुई है। पृथ्वी की ओर बढ़ रहे इस तूफान ने वैज्ञानिकों के होश उड़ा दिए हैं। पिछले पांच महीने में यह दूसरा सोलर तूफ़ान है जो धरती की तरफ़ रुख़ कर रहा है। अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र नाओ के मुताबिक़ एक सोलर तूफ़ान पृथ्वी से टकराने वाला है।
यह तूफ़ान कमजोर होगा। लेकिन इसके बाद आने वाला शक्तिशाली तूफ़ान भी पृथ्वी की तरफ़ रुख़ कर सकता है। जोकि भारी तबाही मचाने की क्षमता रखता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मंगलवार को सूर्य की सतह पर एक विस्फोट हुआ। जिससे एक शक्तिशाली ज्वाला निकली, जो पिछले कुछ वर्षों की दूसरी सबसे ताकतवर ज्वाला है। नावों के मुताबिक़ यह ज्वाला एक ऐसे सौर क्षेत्र में उत्पन्न हुई है, जिसमें कई सन स्पॉट हैं।
सूर्य से निकली इस ज्वाला को X7.1 रेट किया गया है। इसे ऐसे समझिए कि सबसे कमजोर ज्वाला को बी–क्लास रेट किया जाता है। ऐसे में x रेटकीगईज्वालाकितनीख़तरनाकहोगी।इसेमौजूदासौर्यचक्रकीसबसेशक्तिशालीज्वालाकरारदियागयाहै।
क्या है यह तूफ़ान
भू–चुंबकीय तूफ़ान सूर्य की सतह पर होने वाले धमाकों से पैदा होते हैं। ये तूफ़ान और ज्वाला को उत्पन्न करते हैं। इनकी वजह से अंतरिक्ष में बहुत भारी मात्रा में प्लाज़्मा निकलती है। ये सौर कान ग्रहों के वायुमंडल से टकराते हैं और कम्युनिकेशन सिस्टम को डिस्टर्ब करने का काम करते हैं।
क्या ख़तरा है इस तूफ़ान से
भू–चुंबकीय तूफ़ान सबसे ज्यादा असर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, पॉवर ग्रिड और सैटेलाइट पर पड़ सकता है। साथ ही यह सोलर तूफ़ान अपने साथ रंगीन रोशनी लेकर आएगा। जिसे उत्तरी अमेरिका के कई राज्यों, निचले मध्य पश्चिमी क्षेत्रों में देखा जा सकता है।