दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का विवादों से पुराना नाता है. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही केंद्र सरकार से उनकी नोकझोंक की खबरें आती ही रहती है.आए दिन रविवार को सीएम केजरीवाल ने 14 साल के लंबे इंतेजार के बाद दिल्ली वासियों को 8 लेन वाले सिग्नेचर ब्रिज का तोहफा दिया है. सोमवार से इसको आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा, इस पुल के खुल जानें के बाद से दिल्ली वासियों को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी.
उद्घाटन से पहले दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने मौके पर पहुॅच कर हंगामा करना शुरू कर दिया. तिवारी ने कहा कि मैनें इस पुल के निर्माण को दोबारा शुरू कराया था और इसका उद्घाटन अब केजरीवाल कर रहे हैं. तिवारी का कहना है कि मैं यहां से सांसद हूॅ और मुझे केजरीवाल ने उद्घाटन के लिए बुलाया भी नहीं.
जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और कहा कि क्या मैं कोई अपराधी हूॅ जो पुलिस मेरे साथ इस तरह का व्यवहार कर रही है, पुलिस ने मुझे क्यों घेर लिया, मैं तो यहां अरविंद केजरीवाल का स्वागत करने आया हूॅ. आम आदमी पार्टी और पुलिस ने मेरे साथ गलत व्यवहार किया है.
सिग्नेचर ब्रिज की खासियत ये है कि यह कुतुबमीनार की ऊॅचाई से लगभग दोगुना ऊॅचा है. तकरीबन 1500 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल की ऊॅचाई 251 मीटर, लंबाई 575 मीटर और चौड़ाई 35.2 मीटर है. यह पुल उत्तर पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद और बाहरी दिल्ली को जोड़ेगा.
इस पुल की साफ-सफाई भी यूरोप से आई हाईटेक मशीनों से होगी, इसमें 104 सेंसर लगाए गए हैं जो इस पुल की देखरेख करेगा और लगातार उसकी मॉनीटरिंग करेगा. पुल में अगर कहीं भी कोई खराबी आती है तो सेंसर तुरंत इसकी जानकारी देंगे.