दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग के एक घंटे में शेयर बाजार में आई तेजी से गदगद निवेशकों के लिए सोमवार का दिन एक बार फिर तबाही लेकर आया. माना जा रहा था कि अक्टूबर महीने में आई गिरावट का सिलसिला अब थमेगा लेकिन ऐसा हो ना सका.

नवंबर माह के पहले कारोबारी दिन बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिली. सुबह मार्केट खुलने के बाद सेंसेक्स 1400 अंक और निफ्टी 454 अंक लुढ़क गया. इस दौरान निवेशकों के लगभग 7 लाख करोड़ रूपये डूब गए.

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के पीछे की सबसे बड़ी वजह अमेरिका में हो रहे चुनाव को माना जा रहा है. ईटी के मुताबिक 5 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता की वजह से भारतीय बाजार में भूचाल देखने को मिला.

माना जा रहा है कि अमेरिकी चुनाव परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले अलग-अलग नीति दृष्टिकोण को जन्म दे सकते हैं. हैरिस की जीत से अमेरिकी फेडरल रिजर्व से अधिक उदार रूख अपनाने की प्रेरणा मिल सकती है जिससे भारतीय रिजर्व बैंक घरेलू दरों को कम कर सकता है. इससे एनबीएफसी कंपनियों को लाभ होगा.

इससे इतर ट्रंप की जीत से अमेरिकी ब्याज दरें ऊंची रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. 7 नवंबर को होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व नपॉलिसी मीटिंग भी भारतीय बाजार में आशंकाओं को बढ़ा रही है. इसके अलावा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजों ने भी बाजार पर गहरा असर डाला है.

सोमवार को तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली. ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव भी निवेशकों को परेशान कर रहा है. विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं.

दोपहर 01 बजे तक सेंसेक्स 1200 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ 78500 के आसपास रहा जबकि निफ्टी लगभग 400 अंकों की गिरावट के साथ 23880 के आसपास दिखाई दिया.