महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने से पहले दोनों ही गठबंधनों में सीएम पद के चेहरे को लेकर मंथन तेज हो गया है. महाराष्ट्र चुनाव में राजनीतिक दलों को जीत हार से ज्यादा विधायकों के टूटने का डर सता रहा है.
यही वजह है कि चुनाव नतीजों के फौरन बाद विधायकों को सुरक्षित ठिकाने भेजने का प्लान तैयार किया जा रहा है. इसके लिए होटल भी बुक कर लिए गए हैं.
सबसे ज्यादा सतर्कता विपक्षी खेमे महाविकास अघाड़ी में देखी जा रही है. उन्हें ही विधायकों के टूटने का ज्यादा ही डर है क्योंकि इससे पहले शिवसेना और एनसीपी दोनों ही दलों में बड़ी टूट हो चुकी है जिसका नतीजा ये हुआ था कि बीजेपी फिर सत्ता में आ गई.
चुनाव नतीजों से पहले शुक्रवार को उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने अपने अपने उम्मीदवारों के साथ एक ऑनलाइन मीटिंग की और उन्हें सुरक्षा मंत्र दिया. दोनों गुटों ने जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए मुंबई में ही रहने की अस्थाई व्यवस्था की है.
इस दौरान उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने अपने-अपने नेताओं से कहा है कि जो भी चुनाव जीत कर आएं वो महायुति के बहकावे में ना आएं, उम्मीदवारों से कहा गया है कि वो किसी प्रलोभन या दबाव की रणनीति का शिकार ना हों.
शरद पवार ने अपने नेताओं से कहा कि वो जीत का एलान होने के बाद तुरंत मुंबई पहुंचे. पवार की मीटिंग में सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे.
मीटिंग में शरद पवार ने भरोसा जताया कि महाविकास अघाड़ी को 157 सीटें मिल जाएंगी और आसानी से एमवीए सरकार बन जाएगी. उधर महायुति खेमें में भी हलचल तेज हो गई है.
सीएम शिंदे भी एक्टिव हो गए हैं. उन्होंने अपने नेताओं को आदेश दिया है कि निर्दलीय और वंचित बहुजन अघाड़ी जैसे छोटे दलों के संपर्क में रहें, उनका कहना है कि खास तौर पर उन बागी नेताओं से संपर्क में रहें जो समान विचारधारा वाले हैं, या फिर टिकट ना मिलने के चलते निर्दलीय ही लड़ गए थे.
भाजपा की भी सक्रियता बढ़ गई है. बीजेपी चाहती है कि सीएम उसका ही रहे. दोनों ही गठबंधनों में ये होड़ लगी है कि जिसके ज्यादा विधायक रहेंगे उसका ही सीएम बनेगा.