RBI: भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से साल 2016 में 2 हजार रुपये को नोट जारी किया गया था, हालांकि ये नोट बाजार में महज 3 साल ही चलन में रहा, इसके बाद की गई नोटबंदी में ये नोट बैन कर दिया गया. हालांकि अब सोशल मीडिया पर पांच हजार रुपये के नोट की बात शुरु हो गई है जिसके बाद लोगों के बीच में ये बात चर्चा का विषय बन गई है.
सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही ये खबरः
सोशल मीडिया पर प्रचलित इस खबर से लोग इस बात को जानने के लिए बेताब हैं कि क्या वाकई में RBI की ओर से 5 हजार रुपये का नोट जारी होने वाला है. बता दें कि इस समय भारत में सबसे बड़ा नोट 500 रुपये का है. इसके अलावा 200,100,50,20,10 रुपये के नोट प्रचलन में है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस खबर के बाद व्यापारी वर्ग और बड़ा लेन-देन करने वाले लोगों के बीच चर्चाएं शुरु हो गई है.
गौरतलब है कि देश की आजादी के बाद पांच हजार और 10 हजार रुपये के नोट जारी किए गए थे. साल 1954 में एक हजार रुपये के नोट जारी हुए थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने एक हजार, पांच हजार और 10 हजार रुपये के नोटों को चलन से हटा दिया था. भ्रष्टाचार और काले धन पर लगान लगाने के लिए सरकार की ओर से ये फैसला लिया गया था. आकाशवाणी से इस दौरान सरकार की ओर से घोषणा की गई थी.
पांच हजार रुपये के नोट का दावा बिल्कुल फर्जीः
अखबार टाइम्स आपको इस बात से अवगत करा रहा है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा बिल्कुल फर्जी है. RBI की ओर से इस तरह का कोई फैसला नहीं किया है. ये खबर पूरी तरह से झूठी है. इसका कोई भी वास्तविक आधार नहीं है.
RBI गर्वनर ने कही ये बातः
RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने इस मामले में कहा कि पांच हजार रुपये का कोई भी नोट जारी करने की कोई भी योजना नहीं है. बड़े मूल्यवर्ग के नए नोटों को जारी करने के मूड में आरबीआई नहीं है. आरबीआई का इस मामले में कहना है कि देश की वर्तमान मुद्रा व्यवस्था देश की आर्थिक जरुरतों के लिए पर्याप्त है. ऐसे में किसी तरह के बदलाव की आवश्यकता नहीं है.