दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का अंत किया था. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां रावण को पूजा भी जाता है. यहां रावण को दुष्ट नहीं बल्कि एक महान राजा माना जाता है, जोकि विद्वान था.
क्यों होती है रावण की पूजा
रावण को कुछ लोग संस्कृत का ज्ञाता, महान राजा और शिव भक्त मानते हैं. उनका मानना है कि रावण के पास अतुल्य ज्ञान था और धर्म, नीति और राजनीति का कुशल विशेषज्ञ था. यही कारण है कि कुछ समुदायों में इसे विद्वान के रूप में माना जाता है. उनका मानना है कि उसके चरित्र में कुछ मैल था, जोकि इंसान के रूप में उसकी कमज़ोरियों को दर्शाता है. उसकी विद्वान को दरकिनार नहीं किया जा सकता.
कहाँ होती है रावण की पूजा
मन्दसौर, मध्य प्रदेश: यहां रावण को अपना दामाद माना जाता है. क्योंकि स्थानीय मान्यता के मुताबिक़ मंदसौर रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका है. यहां दशहरे पर रावण का दहन नहीं होता बल्कि उसकी पूजा की जाती है.