Ratan Tata: भारत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. शायद ही देश में ऐसा कोई हो जो टाटा के नाम से वाकिफ ना हो. ऐ दिग्गज उद्योगपति होन के साथ ही वो एक बड़े दानवीर भी थे. देश का हर नागरिक के दिल में उनके लिए बेहद ही सम्मान है.
वैसे तो रतन टाटा के पास वो सबकुछ था जो वो चाहते थे लेकिन उनकी जिंदगी में सबसे बड़ी कमी ये रह गई कि उन्होंने किसी से शादी नहीं की. ऐसे में रतन टाटा की विदाई के बाद सवाल उठता हैं कि अब टाटा ग्रुप की विरासत कौन संभालेगा. क्योंकि रतन टाटा ने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया था.
अभी समूह की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन हैं लेकिन इससे भी ऊपर टाटा ट्रस्ट है. जिसकी कमान टाटा परिवार के सदस्य ही संभालते रहे हैं. निधन से पहले तक रतन टाटा ही ट्रस्ट के प्रमुख थें.
टाटा ट्रस्ट की अहमियत और आकार इस तरह समझ सकते है कि टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है जो 13 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% की हिस्सेदारी रखता है. इसके तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52% हिस्सेदारी हैं.
सौतेले भाई नोएल टाटा चेयरमैन पद के सबसे मजबूत दावेदार:
रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और ग्रुप की कई कंपनियों में भागीदारी के कारण टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत दावेदार हैं. नवल और सिमोन टाटा के बेटे नोएल ट्रेंट, वोल्टास, टाटा इन्वेस्टमेंट और टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं. टाटा स्टील के वाइस चेयरमैन और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में भी हैं.
नोएल के बच्चे लिआह, माया और नेविल कंपनियों में काम कर रहे:
नोएल नवल टाटा के बच्चे लिआह, माया और नेविल अन्य प्रोफेशनल्स की तरह कंपनी में काम कर रहे हैं. सबसे बड़ी लिआह टाटा ने स्पेन से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री हासिल की हैं.
2006 में उन्होंने ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेस में असिस्टेंट सेल्स मैनेजर जॉइन किया था अभी द इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड में वाइस प्रसिडेंट के तौर पर काम कर रही हैं. छोटी बेटी माया टाटा ने ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विस कंपनी टाटा कैपिटल में एनालिस्ट के तौर पर ज्वॉइन किया था जबकि उनके भाई नेविल टाटा ने ट्रेट में अपनी प्रोफेशनल जर्नी शुरु की थी.