लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी गर्मागर्मी देखने को मिली. जेपी की जयंती पर सपा मुखिया अखिलेश यादव JPNIC जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण करना चाहते थे लेकिन योगी सरकार ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया और रात में ही JPNIC बिल्डिंग के गेट को टीन से कवर करवाकर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी.

JPNIC के गेट को सील करने की जानकारी मिलने पर रात में ही अखिलेश वहां पहुंच गए और अपना विरोध दर्ज करवाया. इसके बाद सुबह से ही अखिलेश के घर के बाद बैरिकेटिंग कर उन्हें बाहर निकलने से रोक दिया गया.

सपा मुखिया को निकलने ना देने की जानकारी पाकर बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता वहां इकठ्ठा हो गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इसके बाद अखिलेश यादव ने घर के बाहर ही जेपी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा.

अब इस मामले पर सुभासपा अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि हमें अखिलेश यादव की चिंता है और उन्हें वहां ना जाने देने का फैसला उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है.

राजभर ने कहा कि बारिश का मौसम है और जेपीएनआईसी बिल्डिंग की साफ सफाई भी नहीं हुई है. ऐसे में वहां जाने से उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता था.

अखिलेश पर निशाना साधते हुए राजभर ने कहा कि क्या वो कोई एक भी तस्वीर दिखा सकते हैं जिसमें उन्होंने राजा सुहेलदेव या संत रविदास की मूर्ति स्थापित की हो. ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश को सिर्फ सरकार की बुराई ही नजर आती है उसके अच्छे काम उन्हें नजर नहीं आते.

पूरे घटनाक्रम में सपा को कांग्रेस का भी साथ मिला. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव जेपी आंदोलन के अग्रणी नेताओं में गिने जाते थे. अखिलेश यादव को उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने से रोकना लोकतंत्र और संविधान का गला घोटने जैसा है.