Railway track: ट्रेन से सफर करते समय आपने भी खिड़की से झांकते हुए खूब पटरियों को मिलते और अलग होते देखा होगा. ये भी ध्यान दिया होगा कि रेल पटरियों के आस-पास जंग लगा होता है लेकिन उनके ऊपर कोई जंग नहीं दिखती है.

जंग नहीं तो पटरियों की गुणवत्ता भी हमेशा दमदार होती है. हालांकि कहा यही जाता है कि लोहा है तो जंग पड़ना लाजमी है, फिर भी पटरियां कभी खराब नहीं होतीं. क्या आपने कभी सोचा कि ऐसा कैसे हो जाता है? हम बताते हैं…

आमतौर पर लोगों को लगता है कि ट्रेन की पटरियां लोहे से बनाई जाती हैं. यदि आपको भी यही लगता है तो आप गलत सोच रहे है दरअसल रेल की पटरियां लोहे से बिल्कुल नहीं बनी होती हैं. क्योंकि आपने देखा होगा हमारे घरों में पड़ा लोहे का सामान जंग लगकर कबाड़ हो जाता हैं.

किस धातु से बनी होती है रेल की पटरियां :

जबकि रेल की पटरियां तेज बारिश ,धूप सर्दी में खुले आसमान के नीचे पड़ी रहती हैं. इसके बाद भी उनमें किसी तरह की कोई जंग नहीं लगती हैं. और ये पटरियां सालो-साल ऐसे ही चलती रहती है.

इनकी मजबूती में भी कोई कमी नहीं आती है ऐसा इस लिए क्योंकि ये पटरियां लोहे से नहीं बल्कि खास किस्म के स्टील से बनाई जाती हैं. जिसे मैगनीज स्टील कहते हैं.जिन्हें स्टील और मेंगलॉय को मिलाकर बनाया जाता है इसे हाई कार्बन स्टील भी कहते हैं. जिसमें 12 फीसदी मैगनीज और 0.8 फीसदी कार्बन का मिश्रण होता है और इसी मिश्रण को मैगनीज स्टील कहा जाता है.