Potato Farming Tips: हमारे देश में कई ऐसे राज्य है जिनमें आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती हैं. देश में लगभग सभी राज्यों के किसानों ने आलू की बुवाई का काम पूरा कर लिया हैं. लेकिन बात जब आलू की खेती की आती हैं तो आलू में कई बीमारियां लग जाती हैं.
Potato Farming में इन बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी
जिससे किसान की पूरी फसल बर्बाद होने का खतरा बना रहता हैं. इसके लिए सबसे जरूरी है कि बीमारी की समय पर पहचान की जाए, क्योंकि जब तक रोग की पहचान नहीं होगी तब तक इसका प्रबंधन भी मुश्किल है.
रोग कि सही पहचान करने के लिए कृषि विभाग ने आलू की फसल में लगने वाले रोग और कीटों की पहचान और प्रबंधन का वैज्ञानिक तरीका बताया हैं.
अगेती झुलसा रोग लगने पर करें ये उपाय:
आलू में अगेती झुलसा रोग के संक्रमण से पौधे की पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं. इस धब्बे का आकार गोल और अंगूठी जैसा दिखता हैं. इन धब्बों के कारण पौधे की पत्तियां नकारात्मक रुप से प्रभावित होती है. वही इस रोग से उत्पादन पर लगभग 70 फीसदी तक का असर पड़ता हैं.
इस रोग से बचने के लिए किसान को खेत को साफ-सुथरा रखना चाहिए. किसान मैंकोजेब 75 प्रतिशत की 2 ग्राम मात्रा या कार्बेन्डाजिम और मैन्कोजेब को मिलाकर उसकी कुल 2 ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते है.
दवा का छिड़काव करते समय इन बातों का रखें ध्यान(Potato Farming)
मंगोजेप का स्प्रे करते समय किसानों को मास्क लगाना होता है. क्योंकि इसमें मौजूद हानिकारक केमिकल नाक और मुंह के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं. जिससे इंसान गंभीर रूप से बीमार हो सकता है. सावधानी रखकर ही दवा का छिड़काव करें.
जैविक तरीका:
Potato Farming में दवा का छिड़काव जैविक तरीक़े से करने के लिए 2 मिलीग्राम नीम ऑयल को 1 लीटर पानी के साथ मिलाकर एक सप्ताह के अंतराल में छिड़काव कर सकते हैं. इससे किसान आलू की फसल को झुलसा रोग से बचा सकते हैं. आप दोनों में से किसी भी एक तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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