Pan Card: हाल ही में सरकार ने एक बड़ा एक्शन लिया है. सरकार ने PAN Card के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश दे दिए है. सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि बड़ी-बड़ी कंपनियां PAN Card का काफी गलत इस्तेमाल कर रही है. जिसे रोकने के लिए सरकार ने ये कड़ा आदेश दिया है. इसको बाज़ार की भाषा में इनको fintech और consumer tech कहा जाता हैं.
जो बात अभी हम बताने जा रहे है वो शायद आपके साथ भी कभी न कभी हुई होगी. आपने अगर कभी किसी होटल में चेक-इन किया होगा तो ID Proof के लिए अगर आपने PAN-Card दिया होगा तो उन्होंने मना कर दिया होगा. मेरे कहने का यह मतलब है कि PAN card को आपकी पहचान के तौर पर तो देखा जा सकता है लेकिन एड्रेस प्रूफ के तौर पर नहीं. अगर आप सिम लेते है तो वहां भी आपको ऐसी ही समस्या का सामना करना होता.साफ बात में बोले तो PAN card इनकम टैक्स के अलावा कोई ख़ास काम में नहीं आता है.
आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो गया:
आपके पास महीने दो महीने में एसएमएस इनबॉक्स और WhatsApp पर एक ऐसा मैसेज जरुर आता होगा. जिसमे 5 लाख का लोन पांच मिनट में, होम लोन की दरें आपको चौका देंगी वाले मैसेज भी आते होंगे. हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि आपने PAN card डिटेल्स कहां -कहां साझा किए हैं. आप कितने ही सख्त व्यक्ति ही क्यों ना हों, ऐसे मैसेज कभी ना कभी तो आपके मन को पिघला ही देते हैं. इतने उदाहरण काफ़ी हैं सरकार के नए आदेश को समझने के लिए.
क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है कि ऐसा कैसे होता है. क्योंकि आपने तो कभी भी कहीं कोई लोन अप्लाई ही नहीं किया है. अगर उसको किया भी है तो सालों बीत गए है. फिर भी ये ऑफर क्यों आते है. इसका जवाब यह है कि इसके पीछे फिनटेक और कंज्यूमर टेक कम्पनियां है जिनके पास आपके पैन कार्ड की सारी डिटेल्स है. इसमें कोई भी कंपनी है सकती है जैसे लोन देने वाली या ई-कॉमर्स लोन वाली. आपको इस बात को जानकर हैरानी होगी की आप ने खुद कंपनियों को अपनी डिटेल्स आपने अपनी मर्जी से दिए थे.
अब आप सोच रहे होगें की कैसे. इसका जवाब यह है कि जब आप किसी ऐप या वेबसाइट पर विजिट करते है. तो वह डिटेल्स आप भरते है. जिसके बाद कंपनी आपकी प्रोफाइल बनाती है. जिसके बाद जब भी आप किसी लोन खत्म करते है या फिर आपके क्रेडिट स्कोर में कोई बदलाव करते है तो इनको तुरंत पता चलना है. जिसके बाद कंपनी बिना आप से पूछे आपका क्रडिट स्कोर चेक कर लेती है. जिसके बाद वह आपको लोन का मैसेज भेजन लगती है.
आगे से ऐसा नहीं होगा:
हाल ही में गृह मंत्रालय के अन्तर्गत काम करने वाले Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) ने फिनटेक और कंज्यूमर टेक कंपनियों को यह आदेश दे दिया है कि ये सब काम बंद करो. बता दे की यह आदेश Digital Personal Data Protection Act, 2023 (DPDP) के अंतर्गत जारी किया गया है. इसका मतलब यह है कि अब से कंपनी क्रेडिट हिस्ट्री तो जरूर चेक करेंगी लेकिन आपसे पूछकर. अगर आप ने नहीं बोला तो कंपनी आपकी क्रेडिट हिस्ट्री नहीं चेक कर सकती हैं.