भारत में कई ऐसे स्थान हैं जो रहस्यों से भरे हैं. क्या आप सोच सकते हैं कोई नदी जमीन के भीतर बहती हैं. और उसमें लोगों की अटूट आस्था हो? न आश्चर्यजनक बात! लेकिन, यह सत्य है और ऐसा बिहार के गया में आपको प्रत्यक्ष प्रमाण दिखेगा.

बिहार में भी एक इसी तरह का रहस्य है बिहार में एक ऐसी नदी बहती है. जिसमें कभी भी पानी पूरा नहीं भरता हैं. जबकि एक समय पर यह नदी भरी रहती थी.इसको लेकर सबसे अधिक प्रचलित मान्यता यह है कि गया में बहने वाली फल्गु नदी माता सीता से श्रापित है. इसी कारण इसे अंत: सलिला कहा जाता है और फल्गु नदी की जल धारा अंदर ही अंदर प्रवाहित होती है.

धरती के नीचे बहने वाली नदी :

बिहार में फल्गु नदी एक ऐसी नदी है. जिसकी धारा धरती के नीचे मानी जाती है. स्थानीय लोगों की मानें तो अब किसी भी मौसम में जाएं, नदी में अगर पानी नहीं है. तो आप बालू को थोड़ा सा खोदे आपको पानी मिल जाएगा. यानि ऊपर से सूखी दिखने वाली नदी, अंदर से पानी से भरी रहती है.

आज की तारीख में फल्गु नदी पर एक बांध बना दिया गया है, फिर भी पानी उतना नहीं भरता जितना की होना चाहिए, हां सूखी दिखने वाली नदी में जरूर थोड़ा सा पानी अब दिखने लगा है.

कैसे सूखी फल्गु नदी :

धार्मिक कथाओं के अनुसार त्रेता युग में राजा दशरथ की मृत्यु के बाद उनका पिंडदान करने के लिए भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ गया धाम के गए थे इस बीच अजीब संयोग हुआ कि भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ कुछ सामग्री लाने के लिए वहां से प्रस्थान किए.

धार्मिक कथाओं के अनुसार, इसी बीच आकाशवाणी हुई और कहा गया कि पिंडदान का समय निकला जा रहा है. ऐसी आकाशवाणी के बाद माता सीता ने अपने ससुर राजा दशरथ का पिंडदान किया. इसका साक्षी पंडित, गाय, कौवा और फल्गु नदी को बनाया. इन चारों से झूठ नहीं बोलने की सीता ने शपथ भी ली.

राजा दशरथ का पिंडदान :

इस बीच जब भगवान राम और लक्ष्मण लौटे. भगवान राम ने पिंडदान के विषय में पूछा तब माता सीता ने पूरी बात बताई. साथ ही पिंडदान के साक्षी पंडित, गाय, कौवा, और फल्गु नदी को गवाह बताया. राम ने जब इन चारों से पिंडदान हुआ या नहीं, इस बारे में पूछा तो फल्गु नदी ने झूठ बोल दिया कि माता सीता ने कोई पिंडदान नहीं किया.

माता सीता ने नदी को दिया था श्राप :

ये सुनकर माता सीता ने झूठ बोलने को लेकर फल्गु नदी को श्रापित कर दिया. तब से फल्गु नदी अंतः सलिला है. इसके बाद से ही फल्गु नदी जमीन के नीचे बहती है.