OLA ELECTRIC: भारत के भारी उद्योग मंत्रालय ने विलंबित सर्विस और गलत इनवॉइस से जुड़ी उपभोक्ताओं की लगभग 10 हजार से ज्यादा शिकायतों को लेकर OLA ELECTRIC के सर्विस सेंटर्स के ऑडिट का आदेश दिया है. ARAI द्वारा किए जाने वाले ऑडिट में ये आंकलन किया जाएगा कि क्या OLA ELECTRIC अपने स्टैंडर्ड्स को बनाए रखी है और वारंटी मुहैया करा रही है.
इसके अलावा इस काम को भी देखा जाएगा कि क्या कंपनी इलेक्ट्रिक ब्हीकल प्रोमोशन स्कीम तहत सरकारी इंसेंटिव प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तों का पालन कर रही है या नहीं? यदि OLA को इन कामों में उल्लंघन करते हुए पाया गया तो कंपनी सरकारी स्कीम के लिए अपनी योग्यता को भी खो सकती है.
सरकार ने दिया OLA ELECTRIC के खिलाफ जांच का आदेशः
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, OLA को भारी उद्योग मंत्रालय के ऑडिट से गुजरना होगा. एजेंसी ने एक सूत्र और आधिकारिक निर्देश का हवाला देते हुए बताया है कि मंत्रालय ने OLA ELECTRIC के सर्विस सेंटर्स को ऑडिट करने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि इस सप्ताह के शुरुआत में, OLA को कंपनी के खिलाफ विलंबित पड़ी सर्विस और गलत इनवॉइस जैसे मुद्दों पर 10 हजार से ज्यादा शिकायतों के बाद भारतीय उपभोक्ता संरक्षण एजेंसी से नोटिस मिला था.
पाया गया उल्लंघन तो छिनेगा इंसेंटिवः
ऑडिट में कथित तौर पर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि OLA ELECTRIC अपने सर्विस सेंटर्स का रखरखाव कर रही है और यूजर्स को दी गई वारंटी का सम्मान कर रही है. इतना ही नहीं, इस दौरान ये भी देखा जाएगा कि कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए जारी की गई सरकारी स्कीम के तहत आने के लिए य़ोग्य है या नहीं.
रिपोर्ट की मानें तो उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाली टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन एजेंसी, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया को ऑडिट करने के लिए कहा गया है. इसमें यदि किसी प्रकार का उल्लंघन पाया गया तो सरकारी स्कीम के तहत इंसेंटिव प्राप्त करने की ओला की योग्यता प्रभावित हो सकती है.