No Detention Policy: केन्द्र सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव का ऐलान किया हैं. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार अब कक्षा पांच और आठ में भी विद्यार्थियों को फेल किया जाएगा. कक्षा पांच और आठ की वार्षिक परीक्षा में फेल बच्चों को दो महीने के अंदर दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा. अगर इसमें भी असफल रहते हैं तो उन्हें फेल कर दिया जाएगा और दोबारा उसी कक्षा में पढ़ना पड़ेगा.
No Detention Policy नो डिटेंशन पॉलिसी क्या है?
नो डिटेंशन पॉलिसी(No Detention Policy) 2009 में भारत सरकार द्वारा लागू की गई थी. इसके तहत 5वीं और 8वीं कक्षा में बच्चों को बिना फेल किए अगली कक्षा में प्रमोट किया जाता था. भले ही उनका प्रदर्शन खराब क्यों न हो. इसका उद्देश्य बच्चों को पढ़ाई में दबाव से बचाना और उनके आत्मविश्वास को बनाए रखना था.
2018 में लोकसभा में बिल पास हुआ था :
जुलाई 2018 में लोकसभा में राइट टु एजुकेशन को संशोधित करने के लिए बिल पेश किया गया था. इसमें स्कूलों में लागू ‘No Detention Policy’ को खत्म करने की बात थी. इसके अनुसार 5वीं और 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए रेगुलर एग्जाम्स की मांग की गई थी. इसी के साथ फेल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए दो महीने के अंदर री-एग्जाम कराने की भी बात थी.
फेल होने वाले बच्चों पर दिया जाएगा खास ध्यान :
केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने इसके संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. अधिसूचना में कहा गया है कि अगर स्टूडेंट परीक्षा में फेल होता है तो उसे 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा(No Detention Policy) में बैठने का मौका मिलेगा लेकिन उसमें भी असफल होने पर अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा.
लेकिन इस दौरान फिर फेल होने वाले छात्र को सुधार का मौका दिया जाएगा. टीचर उस फेल होने वाले स्टूडेंट पर खास ध्यान देंगे साथ ही समय-समय पर पेरेंट्स को भी गाइड करेंगे.
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