देशभर में फेस्टिवल सीजन की धूम चल रही है. इस दौरान तमाम कंपनियां, ई कॉमर्स वेबसाइट और रिटेल स्टोर सेल ऑफर के तहत एक से बढ़कर एक डिस्काउंट दे रहे हैं. बैंक भी इस मामले में पीछे नहीं हैं, अलग-अलग बैंक अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड पर ऑफरों की भरमार किए हुए हैं.

ऐसी ही एक सुविधा का नाम है नो कॉस्ट EMI या जीरो कॉस्ट EMI. इसका मतलब ये है कि अगर आप अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड से कोई सामान खरीदते हैं तो आपके बिना सिकी ब्याज के उस सामान की कीमत किस्तों में अदा करने की सुविधा मिलेगी.

देखने और सुनने में ये कितना अच्छा लगता है कि हमें बिना ब्याज के किस्तों में कोई भी सामान खरीदने की सुविधा मिल रही है लेकिन ये पूरा सच नहीं है. इसमें ब्याज की रकम आपसे ही वसूली जाती है मगर उसका फंडा बिल्कुल अलग है इसलिए आपको बता ही नहीं चलता है. मौजूद समय में ये मार्केटिंग का नया फंडा है जिसका ज्ञान बहुत ही कम लोगों को है.

कंपनियां ऐसी करती हैं खेल : नो कॉस्ट EMI की सुविधा देने वाले बैंक पहले से ही कंपनियों से अच्छा खास डिस्काउंट ले लेते हैं. अगर आपने 25000 का मोबाइल या कोई भी सामाना खरीदा तो आपको लगेगा कि जितनी कीमत है उतना ही वसूला जा रहा है लेकिन बैंक पहले ही कंपनी से उस प्रोडक्ट पर तगड़ा डिस्काउंट ले लेते हैं. उसकी वास्तविक कीमत 20-22 हजार के आसपास ही होती है.

ऐसे में नो कॉस्ट EMI के ऑफर पर स्टोर या बैंक को कोई घाटा नहीं होता है. यही वजह है कि नो कॉस्ट EMI का ऑफर कुछ चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर ही दिया जाता है हर किसी प्रोडक्ट पर नहीं. तो इस त्यौहारी सीजन आप खरीदारी कर रहे हैं तो अपना डिस्काउंट लेने में चूकें नहीं.