Nitish Reddy: आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे नीतीश रेड्डी ने शतक बनाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया है. नीतीश रेड्डी ने बैटिंग करते हुए कंगारु टीम के गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी और टीम इंडिया को संकट से उबार दिया. उन्होंने अपने टेस्ट जीवन का पहला शतक महज 21 साल की उम्र में लगाकर क्रिकेट की पिच पर धमाल मचा दिया.

Nitish Reddy के पिता ने छोड़ी नौकरी

नितीश कुमार रेड्डी को इस लेवल तक पहुंचाने में उनके पिता का खास योगदान रहा है. उनके पिता मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम में ही मौजूद थे और वे इस पल को देखने को बाद अपनी आंखों से आंसुओं की धार को नहीं रोक सके. ये सफल बेटे की खुशी के आंसू थे. नीतीश रेड्डी के पिता ने अपने बेटे के लिए सपने देखे थे और मेलबर्न में इतिहास बनता देख भावुक हो गए.

शतक बनाने के बाद पिता हुए बेहद भावुकः

Nitish Reddy

आंध्रप्रदेश से ताल्लुकात रखने वाले Nitish Reddy के पिता मृत्याला रेड्डी हिंदुस्तान जिंक में काम करते थे और बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी का भी त्याग कर दिया था. जब नीतीश रेड्डी महज 10 साल के थे तो इस समय उनके पिता का तबादला उदयपुर में हो गया. नीतीश का क्रिकेट प्रभावित ना हो, इसके लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का मन लिया और इस्तीफा दे दिया.

इसके बाद से ही वो Nitish Reddy को क्रिकेटर बनाने के लिए जुट गए. उनके सामने इस समय बहुत सारी चुनौतियां आई लेकिन उन्होंने चुनौतियों के सामने हार नहीं स्वीकार की और बेटे को सफल क्रिकेटर बना दिया.

सरकारी नौकरी छोड़ी थी बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिएः

मेलबर्न में बेटे के शतक के बाद उन्होंने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि Nitish Reddy ने शतक बनाया है. ये मेरे लिए स्पेशल फीलिंग है. इसके अलावा वो कुछ नहीं बोल पा रहे थे और आंखो में आंसू थे. इस दौरान स्टेडियम में नीतीश की मां और पत्नी भी मौजूद थी. इनके अनुसार ये एक ऐसा पल और खुशी है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

गौरतलब है कि मेलबर्न टेस्ट में अभी भी दो दिनों का खेल बचा हुआ है. पहली पारी के आधार पर अभी भी कंगारू टीम के पास 116 रनों की लीड है. भारत के पास अंतिम विकेट के रुप में नीतीश रेड्डी और मोहम्मद सीरीज क्रीज पर डटे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: Indian Railways: ट्रेन में कितनी शराब की बोतल ले जा सकते हैं आप? रेलवे के नियम और कानून तोड़ने की जान लीजिए सजा