देश में किसान और जवान एक बार फिर आमने-सामने हैं. किसान दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हुए हैं तो जवान उन्हें रोकने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. यहीं वजह है कि आज किसानों के दिल्ली मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने फिर आंसू गैस के गोले छोड़े.

दिल्ली जाने पर अड़े किसान

इस दौरान किसानों और जवानों के बीच झड़पें भी हुई. पुलिस की सख्ती से किसानों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा. शंभू बॉर्डर पर पुलिस के अलावा अर्ध सैनिक बलों की भी तैनाती की गई है.

हरियाणा पुलिस का कहना है कि हम पहले किसानों की पहचान करेंगे और फिर उन्हें आगे जाने दिया जाएगा. हमारे पास 101 किसानों की जो लिस्ट है ये वो लोग नहीं हैं. पुलिस का कहना है कि किसाना हथियार लेकर आए हैं, ऐसे में उन्हें आगे जाने नहीं दिया जाएगा.

हरियाणा पुलिस का कहना है कि किसानों के पास दिल्ली जाने की कोई अनुमति नहीं है, अगर उन्हें आगे जाना है तो उन्हें दिल्ली पुलिस से परमीशन लेनी होगी.

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि हमने अपनी लिस्ट पहले ही मीडिया को जारी कर दी थी. हमने खुद कहा था कि आकर हमारी जांच कर लो, लेकिन पुलिस ने कोई चेकिंग नहीं की, दरअस्ल उन्हें हमें आगे जाने देना ही नहीं है.

उन्होंने कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है, हमारे पास कोई हथियार नहीं है, हम अनुशासन दिखा रहे हैं तो वो आंसू गैस के गोलों की बरसात कर रहे हैं.

हम किसी भी बलिदान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि या तो हमारी समस्याओं का समाधान करें या फिर हमें दिल्ली जाने की इजाजत दें.

पंढेर ने पंजाब की आप सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार केंद्र सरकार के साथ मिली हुई है. आज जिस तरह मीडिया को रोका जा रहा है, मुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल को आगे आकर इस पर सफाई देनी चाहिए.

वो कहते हैं कि किसानों और मजदूरों के साथ हैं तो फिर मीडिया को क्यों रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार का चेहरा अब पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है.

पहले हम केंद्र सरकार के खिलाफ थे लेकिन अब हमें राज्य सरकार से भी पिनटना पड़ेगा. पंजाब सरकार केंद्र सरकार के कामों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है.

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