आज के इस दौर में लोगों को ट्रेन से यात्रा करना काफी पसंद है. ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करना अवैध हैं. ऐसे में हम लोग यात्रा करने से पहले टिकट काउंटर से या ऑनलाइन माध्यम से टिकट की बुकिंग कर लेते हैं. अगर कोई बिना टिकट यात्रा करते हुए पाया जाता है तो रेलवे के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाती है.
इसके अलावा अगर आप किसी को रेलवे स्टेशन छोड़ने या लेने आते हैं तो आपको प्लेटफॉर्म टिकट लेना अनिवार्य है. अगर आप टिकट नहीं सलेते हैं तो आपको जुर्माना भरना पड़ता है. कईबारगी ऐसा होता है कि ट्रेन में यात्रा करते समय हमारी टिकट खो जाती है. या टिकट हम घर पर ही भूल जाते हैं.
ऐसे में भारतीय रेलवे के क्या नियम हैं? ऐसे में क्या यात्री ट्रेन में सफर कर सकता है. अगर यात्री ट्रेन में सफर करता है तो क्या उसे जुर्माना भरना पड़ेगा? इस पोस्ट में हम आपको भारतीय रेलवे के नियमों से आपको रुबरू करवाएंगे जिससे अगर आप ऐसी परिस्थिति में कभी फंसे तो आपको ये बातें पता होनी चाहिए.
ये है भारतीय रेलवे का नियमः
अगर सफर के दौरान ट्रेन की टिकट खो जाती है तो ऐसे में आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है. आप डुप्लीकेट टिकट बनवाकर यात्रा कर सकते हैं. हर श्रेणी के लिए डुप्लीकेट टिकट की फीस अलग से निर्धारण की गई है. टीटीई के पास जाकर आप डुप्लीकेट टिकट बनवा सकते हैं. इसके अलावा रेलवे स्टेशन से भी डुप्लीकेट टिकट बनवा सकते हैं.
डुप्लीकेट टिकट की फीस का निर्धारणः
भारतीय रेलवे के आधिकारिक बेवसाइट के अनुसार यात्री को डुप्लीकेट टिकट के लिए फीस देनी होती है. ये फीस ट्रेन की श्रेणी के ऊपर निर्भर करती है. सेकेंड और स्लीपर क्लास के लिए 50 रुपये फीस देनी होती है जबकि इससे ऊपर की श्रेणी के लिए आपको 100 रुपये चार्ज देना होता है.
अगर आपका टिकट कंफर्म हो जाता है. आपको डुप्लीकेट टिकट के साथ किराये का 50 फीसदी भुगतान करना होता है. वहीं अगर आपको अगर ओरिजिनल टिकट किसी प्रकार मिल जाता है तो आप ट्रेन के छूटने से पहले ही रेलवे स्टेशन के काउंटर पर टिकट के लिए चुकाए गए पैसे वापस ले सकते हैं.
टिकट फट जाए तो ये अपनाएंः
अगर कभी किसी यात्री से ट्रेन की टिकट फट जाती है तो उसे भी डुप्लीकेट टिकट बनानी होती है. इसके लिए यात्री को किराए का 25 फीसदी चार्ज दोना होता है. लेकिन अगर आपकी वेटिंग टिकट फट जाती है तो ऐसे में आप डुप्लीकेट टिकट नहीं बनवा सकते हैं.