अमरूद एक पौष्टिक फल है जिसका सेवन करना काफी लाभदायक माना जाता हैं. इसमें कम कैलोरी होने और प्रचुर मात्रा में फाइबर होने की वजह से यह एक गुणकारी फल है. फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जिससे पेट लंबे समय तक भरा रखता है.
अमरूद खाने से आपका वेट लॉस टेजी से होता हैं. वहीं कई अध्ययनों से पता चलता है कि अमरूद के पत्तों के अर्क को खाने से दिल, पाचन और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है. हालांकि अमरूद में कुछ ऐसे यौगिक भी होते हैं.
जो सबके लिए फायदेमंद नहीं माने जाते हैं. अगर आप कुछ चुनिंदा बीमारियों से ग्रसित हैं तो उन्हें अमरूद नहीं खाने चाहिए, इससे नुकसान हो सकता है.
सर्दी-जुकाम में ना खाएं :
अमरूद की तासीर ठंडी होती है. इसलिए सर्दी-जुकाम या खांसी होने पर इसे खाने से बचे. इसके अलावा अमरूद को रात के समय बिल्कुल न खाएं. इससे ठंड लग सकती है. जिसके चलते हाजमा भी बिगड़ सकता है.
गर्भावस्था और स्तनपान :
गर्भावस्था के दौरान या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी अमरूद का सेवन करने से बचना चाहिए. अगर आप काफी अधिक अमरूद का सेवन करते हैं, तो आपकी परेशानी काफी ज्यादा बढ़ सकती है.
अमरूद स्वास्थ्य के लिए काफी हेल्दी माना जाता है. लेकिन कुछ स्थितियों में इससे नुकसान होने की संभावना होती है। ऐसे में अमरूद का सेवन सीमित करें.
पेट फूलने की समस्या :
अमरूद विटामिन सी और फ्रुक्टोज से भरपूर होता है. अगर किसी को पेट फूलने की दिक्कत है तो उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए. क्योंकि इसमें घुलनशील विटामिन होने के कारण हमारे शरीर को बहुत अधिक विटामिन सी को अवशोषित करने में कठिनाई होती है.
ज्यादा विटामिन सी की पहुंच से सूजन आ सकती है. फ्रक्टोज की अधिक मात्रा के चलते भी नेचुरल शुगर शरीर द्वारा अवशोषित नहीं होती, जिससे ब्लोटिंग हो जाती है.
पाचन तंत्र में गड़बड़ी :
अमरूद फाइबर से भरपूर होता है, लेकिन यदि किसी को कब्ज की समस्याा है और वह अधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करे तो पाचन तंत्र गड़बड़ हो सकता है. अगर आप इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम से पीड़ित हैं तो फ्रक्टोज को शरीर पूरी तरह से अवशोषित नहीं कर पाएगा.