परिवहन के आज अनोखों साधन उपलब्ध हैं. लेकिन इस सब की शुरुआत जिस तरह से हुई उसे सुनकर आप हैरान भी हो सकते हैं. दुनिया की पहली बस किसी इंजन से नहीं बल्कि उसे घोड़े खींचते थे. बस का अविष्कार 1830 के दशक में हुआ, और इसका श्रेय जाता है ब्रिटिश इंजीनियर जॉर्ज शिलिंग को, जिन्होंने 1830 में एक स्ट्रीट कार घोड़े द्वारा खींची जाने वाली का अविष्कार किया था।

इसे Omnibus नाम दिया गया था. जिसका अर्थ होता है सभी के लिए. क्योंकि यह बस सभी लोगों के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थी।

प्रथम इंजन से चलने वाली बस

इंजन से चलने वाली पहली बस का आविष्कार 19वीं सदी के अंत में हुआ। कार्ल बेन्ज़ द्वारा बनाई गई बेंज पेटेंट-मोटरवागन. जो दुनिया की पहली कार मानी जाती है. से प्रेरित होकर कुछ और इंजीनियरों ने इंजन से चलने वाली बसों का विकास शुरू किया।

पहली इंजन बस

सबसे पहले बर्लिन जर्मनी में 1895 में इंजन से चलने वाली एक बस का संचालन हुआ। यह बस पेट्रोल इंजन से चलती थी और इसमें 12-14 लोग बैठ सकते थे। यह बस धीमी गति से चलती थी और मुख्य रूप से शहर के कुछ खास मार्गों पर ही चलती थी।

ब्रिटेन में पहली मोटर बस

ब्रिटेन में 1920 के दशक में मोटर से चलने वाली बसों का प्रचलन बढ़ा। उस समय तक, कई देशों में स्टेजकोच की जगह इंजन द्वारा चलने वाली बसों का इस्तेमाल होने लगा था। इन बसों का उपयोग शहरों के बीच और शहरी क्षेत्रों के भीतर सार्वजनिक परिवहन के रूप में किया जाता था।

आधुनिक बसों का विकास

20वीं सदी के मध्य तक, बसों का आकार बढ़ने लगा, और उन्होंने विभिन्न रूपों में यात्रा करना शुरू किया। 1920-30 के दशकों में, विशेष रूप से अमेरिका और यूरोप में, बसों के इंजन, डिज़ाइन और सवारी क्षमता में सुधार हुआ।