शंभू बॉर्डर

देश का किसान अपनी मांगों को लेकर बार-बार दिल्ली आने का प्रयास कर रहा लेकिन हर बार उन्हें दिल्ली से पहले ही रोक दिया जाता है. हाल ही में शंभू बॉर्डर से तीन बार दिल्ली कूच की विफल कोशिश के बाद अब किसानों ने अपने आंदोलन की रणनीति को बदलने का उलान कर दिया है.

शंभू बॉर्डर से हुआ एलान

नई प्लानिंग के तहत अब किसान 16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च और 18 दिसंबर को रेल रोको अभियान चलाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि दिल्ली के लिए अगला जत्था अब कब कूच करेगा.

शंभू बॉर्डर से किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने एलान किया कि हम सभी तबकों से अपील करते हं कि उठिए और हमारा साथ दीजिए. उन्होंने कहा कि 3 करोड़ पंजाबियों को चैलेंज है कि हर जगह रेलों को जाम करना है. ट्रेनें वहां पर रोकनी है जहां पर रेलवे प्लेटफार्म या रेल फाटक हो.

शंभू बॉर्डर

शंभू बॉर्डर से किसानों का संदेश उनकी आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता

शंभू बॉर्डर से किसानों के संदेश को स्पष्ट करते हुए पंढेर ने कहा कि हमारे देश के आधे से अधिक लोग खेती किसानी से जुड़े हैं, उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता. किसान नेता ने सत्ता पक्ष के अलावा विपक्ष को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि राहुल गांधी किसानों का मुद्दा संसद में क्यों नहीं उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष को सिर्फ बयान देकर अपनी भूमिका से भागना नहीं चाहिए.

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब संसद में संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस चल रही है तो संसद में कोई भी नेता किसानों की आवाज नहीं उठा रहा है.

शंभू बॉर्डर

सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि हमारे विरोध पर कौन सा संविधान लागू होता है, आखिर 101 किसानों के जत्थे से देश की कानून व्यवस्था को कैसे खतरा हो सकता है.

बता दें कि देश के किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं.

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