देश का किसान एक बार फिर सड़कों पर है. किसान दिल्ली आने की कोशिश कर रहा है लेकिन हर बार पुलिस के जवान उन्हें ऐसा करने से रोक देते हैं. शंभू बॉर्डर पर जमा किसानों ने आज फिर दिल्ली कूच की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले बरसाए और आगे बढ़ने से रोक दिया. इधर यूपी के किसान भी आंदोलित हैं.
किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
किसान आंदोलन की वजह से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है यही वजह है कि अब ये मामला देश की सर्वोच्य अदालत की चौखट पर पहुंच गया है.
7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई जिसमें शंभू बॉर्डर समेत सभी हाईवे को खोलने के निर्देश जारी करने की मांग की गई है. अदालत इस याचिका पर कल सुनवाई करेगी.
A PIL has been filed in the Supreme Court seeking direction to immediately clear the blockage of National as well as state Highways in Punjab, which it said are “encroached and blocked illegally by alleged farmers and farmer unions” at various locations in the state.
The PIL…
— ANI (@ANI) December 8, 2024
याचिका में कहा गया है कि इस तरह हाईवे को बंद करना लोगों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है. इसके साथ ही ये नेशनल हाईवे एक्ट और भारतीय न्याय संहिता के तहत भी अपराध की श्रेणी में आता है. इसलिए हाईवे को रोकने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से ये मांग की गई है कि वो केंद्र सरकार के अलावा पंजाब, हरियाणा सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों को हाइवे से हटाने का निर्देश दे.
बता दें कि आज किसानों के दिल्ली मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने फिर आंसू गैस के गोले छोड़े. इस दौरान किसानों और जवानों के बीच झड़पें भी हुई. पुलिस की सख्ती से किसानों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा.
शंभू बॉर्डर पर पुलिस के अलावा अर्ध सैनिक बलों की भी तैनाती की गई है. हरियाणा पुलिस का कहना है कि हम पहले किसानों की पहचान करेंगे और फिर उन्हें आगे जाने दिया जाएगा. हमारे पास 101 किसानों की जो लिस्ट है ये वो लोग नहीं हैं. पुलिस का कहना है कि किसाना हथियार लेकर आए हैं, ऐसे में उन्हें आगे जाने नहीं दिया जाएगा.
किसान आंदोलन – पुलिस का कहना किसानों के पास अनुमति नहीं
हरियाणा पुलिस का कहना है कि किसानों के पास दिल्ली जाने की कोई अनुमति नहीं है, अगर उन्हें आगे जाना है तो उन्हें दिल्ली पुलिस से परमीशन लेनी होगी.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि हमने अपनी लिस्ट पहले ही मीडिया को जारी कर दी थी. हमने खुद कहा था कि आकर हमारी जांच कर लो, लेकिन पुलिस ने कोई चेकिंग नहीं की, दरअसल उन्हें हमें आगे जाने देना ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है, हमारे पास कोई हथियार नहीं है, हम अनुशासन दिखा रहे हैं तो वो आंसू गैस के गोलों की बरसात कर रहे हैं. हम किसी भी बलिदान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
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