किसान आंदोलन: उत्तर प्रदेश के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच के लिए निकल पड़े थे. किसानों का कहना था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो वो दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे मगर अब किसानों ने दिल्ली की जगह यूपी में ही दलित प्रेरणा स्थल पर प्रदर्शन करने का फैसला लिया है.

किसान आंदोलन

दरअस्ल पुलिस ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे, पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती कर दी गई थी.

पुलिस ने किसान आंदोलन को रोकने के लिए बैरिकेट्स लगा दिए थे, हालांकि किसानों ने कुछ बैरिकेट को तोड़ दिया और आगे बढ़ने लगे लेकिन बाद में पुलिस और प्रशासन के समझाने पर उन्होंने सड़क को खाली कर दलित प्रेरणा स्थल पर ही प्रदर्शन करने का एलान कर दिया.

किसानों के दिल्ली कूच के एलान के बाद से ही नोएडा में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई, इसके चलते दिल्ली जाने वाले रास्तों पर लंबा जाम देखने को मिला.

इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा और ग्रेटर नोएडा, नोएडा, यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई, अधिकारियों ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है.

किसानों ने अधिकारियों को की मांग पर एक सप्ताह इंतेजार करने का निर्णय लिया है, उन्होंने कहा कि एक सप्ताह तक हम सड़कों को छोड़कर दलित प्रेरणा स्थल में प्रदर्शन करेंगे, इसके बाद भी अगर समस्या का समाधान ना हुआ तो फिर दिल्ली कूच करने का फैसला लिया जाएगा. आज दिनभर किसानों और पुलिस के बीच नोझोक का सिलसिला चलता रहा.

बता दें कि दिल्ली के संसद भवन में शीतकालीन सत्र चल रहा है, ऐसे में पुलिस किसानों को किसी भी हाल दिल्ली जाने से रोकना चाहती थी, इसके लिए आज सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त भी किए गए थे. किसानों के दलित प्रेरणा स्थल में प्रदर्शन करने को राजी होने पर शासन प्रशासन ने राहत की सांसद ली.

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