farmer protest: किसानों और सरकार के बीच खाईं बढ़ती ही जा रही है. किसान लगातार आंदोलित(farmer protest) हैं और सरकार अब तक उनकी समस्या का कोई सही समाधान नहीं कर पाई है. पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसान 300 से अधिक दिनों से डेरा जमाए हुए हैं और दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हुए हैं.

farmer protest: राकेश टिकैत का नारा

सरकार किसी भी हाल में किसानों को दिल्ली आने से रोकने पर तुली हुई है. यही वजह है कि दोनों के बीच गतिरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है.

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इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के 21वें दिन के आमरण अनशन के बीच किसानों से एकजुट रहने की अपील करते हुए बंटोगे तो लुटोगे का नारा दे दिया.

टिकैत ने ये नारा बीजेपी के बंटोगे तो कटोगे वाले नारे की तर्ज पर दिया है. उन्होंने किसानों की एकता को आंदोलन(farmer protest) की सफलता का मूल मंत्र बताया और डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता भी जताई.

राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के अलग-अलग समूह जबतक एकसाथ मिलकर कोई रणनीति नहीं बनाते तब तक उनकी मांगें पूरी होना बेहद ही मुश्किल है. उन्होंने कहा कि अगर आप एकजुट नहीं हुए तो आपको पराजित कर दिया जाएगा, इसलिए हम सभी किसानों को एकजुट होकर रहना होगा.

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बता दें कि किसानों ने 16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च और 18 दिसंबर को रेल रोको अभियान चलाने का एलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि दिल्ली के लिए अगला जत्था अब कब कूच करेगा. शंभू बॉर्डर से किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने एलान किया कि हम सभी तबकों से अपील करते हं कि उठिए और हमारा साथ दीजिए.

उन्होंने कहा कि 3 करोड़ पंजाबियों को चैलेंज है कि हर जगह रेलों को जाम करना है., ट्रेनें वहां पर रोकनी है जहां पर रेलवे प्लेटफार्म या रेल फाटक हो. पंढेर ने कहा कि हमारे देश के आधे से अधिक लोग खेती किसानी से जुड़े हैं, उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता.

किसान नेता ने सत्ता पक्ष के अलावा विपक्ष को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि राहुल गांधी किसानों का मुद्दा संसद में क्यों नहीं उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष को सिर्फ बयान देकर अपनी भूमिका से भागना नहीं चाहिए.

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब संसद में संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस चल रही है तो संसद में कोई भी नेता किसानों की आवाज नहीं उठा रहा है.

सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि हमारे विरोध पर कौन सा संविधान लागू होता है, आखिर 101 किसानों के जत्थे(farmer protest) से देश की कानून व्यवस्था को कैसे खतरा हो सकता है.

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