Expressway: गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिलों के लाखों लोगों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होने वाला है. यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक का मार्ग होगा और इसका निर्माण उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे तीन राज्यों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस परियोजना का उद्देश्य इन राज्यों के बीच परिवहन व्यवस्था को और अधिक सुलभ और तेज़ बनाना है.
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. भारत-नेपाल सीमा के समानांतर बन रहे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बन जाने से गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच की दूरी 519 किलोमीटर ही रह जाएगी.
यह Expressway न केवल गोरखपुर और आसपास के इलाकों की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, बल्कि इसका सीधा प्रभाव इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर के लोग अब सिलीगुड़ी, कोलकाता और अन्य प्रमुख शहरों तक जल्दी और सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे. इससे व्यापार, पर्यटन और रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी.

गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर, देवरिया, और कुशीनगर के लाखों लोगों को फ़ायदा पहुंचाने वाला है. इस Expressway से गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने में लगने वाला समय 15 घंटों से घटकर 9 घंटे रह जाएगा. इस एक्सप्रेसवे का फ़ायदा उत्तर प्रदेश के तीन ज़िलों गोरखपुर, कुशीनगर, और देवरिया को मिलेगा. इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 519 किलोमीटर है. इस एक्सप्रेसवे को साल 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

इस Expressway का निर्माण न केवल इन जिलों में यातायात की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि इससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आएगी, क्योंकि यह पूरी तरह से ग्रीनफील्ड (नया) मार्ग होगा, जिसमें यातायात की भीड़-भाड़ कम होगी. इसके अलावा, इस मार्ग के निर्माण से इन जिलों में विकास की नई राह खुलेगी, जिससे स्थानीय लोगों को भी आर्थिक लाभ होगा.