Dollar vs Rupee: देश की GDP में गिरावट के कारण मंगलवार को रुपया 84.75 रुपए प्रति डॉलर के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के दौरान देश की GDP पिछले 18 महीने के निचले स्तर 5.4 फीसदी की ग्रोथ से बढ़ी है. जबकि अनुमान 6 फीसदी से अधिक का था. ऐसे में डॉलर के मुकाबले रुपए में भारी गिरावट देखी जा रही हैं. सोमवार को रुपए में 21 पैसे की कमी आई थी.

Dollar vs Rupee

मंगलवार को भारतीय करेंसी अपने सबसे निचले स्तर पर थी. इसके पीछे बड़ा कारण अमेरिकी डॉलर में तेजी और एशियाई देश की धीमी विकास दर को लेकर चिंता थी.

दूसरी तिमाही में भारत की इतनी रही GDP

देश का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) जुलाई-सितंबर 2024 में सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गया, जबकि अप्रैल-जून 2024 तिमाही में 6.7 प्रतिशत और जुलाई-सितंबर 2023 अवधि में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

अधिकांश विश्लेषकों ने अनुमान लगाया कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 6.5-6.8 प्रतिशत के दायरे में रहेगी.

FII के शेयर बेचने का असर

वहीं पिछले दो महीने में विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भी भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली कर रहे हैं. अक्तूबर और नवंबर महीने में इन्होंने 1.16 लाख करोड़ रुपए के स्थानीय शेयर बेच दिए है FII के बाहर जाने की स्थिति में विदेशी मुद्रा की मांग बढ़ जाती है, जिसस स्‍थानीय मुद्रा पर दबाव बढ़ता है.

क्‍या आरबीआई करेगा ब्‍याज दर में कटौती?

रुपये में गिरावट की सीमा मोटे तौर पर एशियाई देशों के अनुरूप है, लेकिन बैंकरों और कॉरपोरेट्स के लिए यह आश्चर्य की बात है, क्योंकि पिछले कई महीनों से आरबीआई लगातार मुद्रा को प्रमुख स्तरों पर बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप कर रहा है. ऐसे में सभी की निगाहें RBI पर टिकी हुई हैं कि क्‍या केंद्रीय बैंक ब्‍याज दरों में कटौती करके स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश कर सकता है?

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