धनतेरस का त्योहार आज पूरे देश में मनाया जाएगा. धनतेरस से ही दिवाली या दीपावली उत्सव का आरंभ हो जाता है. धनतेरस का त्योहार बहुत ही धूमधाम से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है.
इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर जी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है उसपर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है. साथ ही धन के देवता कुबेर महाराज का आशीर्वाद भी मिलता है.
इस दिन विशेष रूप से 13 दिए जलाने की परंपरा हैं. साथ ही विधि विधान से सभी देवी देवता की पूजा अर्चना की जाती है लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अपने घर में भी दिए जलाने चाहिए. लेकिन, इसके अलावा 5 स्थान ऐसे भी हैं जहां दिए जलाने से आपको कभी भी धन धान्य को कोई कमी नहीं होगी. आइए जानते हैं धनतेरस की रात किन 5 स्थानों पर दिया जलाना चाहिए.
धनतेरस की रात पूजा के स्थान पर जलाएं दिया :
धनतेरस की रात जब आप पूजा पाठ कर लें तो सबसे पहले एक दिया अपने घर के पूजा स्थान पर ही रख दें। जो दिया आपने आरती के लिए जलाया है उसके अलावा एक मिट्टी का दिया वहां रख दें। यह दीपक भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी के नाम से आपको जलाना है.
सुनसान स्थान पर जलाएं एक दिया :
एक दिया ले जाकर आपको सुनसान स्थान पर भी जलाना है। जहां कोई आता जाता भी न हों। ऐसे स्थान पर धनतेरस के दिन दिया जलाने से व्यक्ति की रक्षा होती है और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.
धनतेरस पर जल रखने के स्थान :
धनतेरस के दिन आपको एक दिया जल के स्थान के पास भी रखना चाहिए। जैसे कुआं, हैंडपंप आदि। यदि आपके पास यह नहीं है तो आप अपने घर के मोटर के पास भी दिया जलाकर रख सकते हैं। या फिर आप अपने घर के फिल्टर के पास इसको रख दें.
धनतेरस की रात घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ :
धनतेरस के दिन अपने घर के मुख्य द्वार की दोनों तरफ आपको दिया जलाना चाहिए। यह दिया इसलिए जलाया जाता है ताकी आपके घर में सकारात्मकता का वास हो। जब आप अपने घर के बाहर दिया रखें तो अपने देवताओं का ध्यान जरूर करें
धनतेरस की रात दक्षिण मुंह करके रखें :
धनतेरस की रात यमराज के नाम से दक्षिण दिशा में एक दिया जलाया जाता है। यह दिया आपको जब जलाना है जब घर के सभी लोग घर में आ गए हों। उसके बाद अपने घर के बाहर दक्षिण दिशा की तरफ आपको यमराज का दीपक जलाना है.