एक्सप्रेस-वे

Chitrakoot Link Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेस-वे और लिंक एक्सप्रेस-वे का जाल बना रही हैं. इस कड़ी में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को चित्रकूट से जोडने के प्रयासों को गति दी हैं. चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए अब तक 69 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका हैं.

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज करने के लिए हाल ही में 120 करोड़ रुपये धनराशि और जारी की गई है. भूमि क्रय की स्वीकृत लागत 228 करोड़ रुपये आंकी गई हैं.  इस मद में पूर्व में ही 100 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है.

चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण की फोर लेन (छह लेन विस्तारणीय) ग्रीन फील्ड प्रवेश नियंत्रित परियोजना है. 15.20 किलोमीटर का यह लिंक एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को एनएच 135 से जोड़ेगा.

इन गांवों में किया जा रहा जमीन का अधिग्रहण :

चित्रकूट जिले के गाेंडा, भारतपुर भैंसौंधा, रामपुर माफी, भारतपुर तरांव, भरथौल, मछरिहा, रानीपुर खाकी, शिवरामपुर, सीतापुर माफी, खुटहा, रानीपुर भट्ट, चकला राजरानी व अहमदगंज.

शासन ने फिर वापस की लोक निर्माण विभाग की कार्य योजना :

शासन ने लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना फिर वापस कर दी है। साथ ही लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए हैं की कार्ययोजना को सही प्रारूप में बनाकर शासन को भेजा जाए. दूसरी तरफ घटिया सड़कों के निर्माण के मामले में लोक निर्माण विभाग की तरफ से अभियंताओं के विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी तेज कर दी गई है.

वित्तीय वर्ष 2023-24 की कार्य योजना लोक निर्माण विभाग के गले की हड्डी बन गई है. अक्टूबर माह में तैयार कार्य योजना को विभागीय मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह कहकर वापस कर दी थी कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बात करके जिला प्रशासन के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के संदर्भ में विकास कार्यों के प्रस्ताव मंगवा कर कार्ययोजना में शामिल किए जाए.

इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की तरफ से दिए गए प्रस्तावों को जिला प्रशासन से मंजूर कराकर मंगवाए थे. इन्हीं प्रस्तावों के आधार पर दोबारा कार्य योजना तैयार की गई थी.