केंद्र सरकार की ओर से ग़रीबों के कल्याण के लिए कई योजनाओं को चलाया जाता है. ऐसी ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना है. केंद्रीय कैबिनेट ने इस योजना के तहत जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 तक मुफ़्त फ़ोर्टिफ़ाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंज़ूरी दे दी है. सरकार फ़ोर्टिफ़ाइड चावल की मदद से एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने का लक्ष्य बनाए हुए है.

केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लिए गए फ़ैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि इस पहल से एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी कम होगी. इसपर कुल खर्च 17,082 करोड़ रुपए होगा. जिसमें 100 फ़ीसदी फ़ंडिंग केंद्र सरकार की ओर से की जाएगी. सरकार पहले भी इस स्कीम को आगे बढ़ा चुकी है. योजना के तहत देश के 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ़्त राशन दिया जाता है. इसे मार्च 2020 में कोविड महामारी के दौरान शुरू किया गया था.

लॉकडाउन में हुई थी योजना की शुरुआत

लॉकडाउन के चलते काम धंधा ठप्प पड़ गया था. ऐसे में सरकार ने ग़रीबों को मुफ़्त अनाज देने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी. बाद में इस योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत दूसरी स्कीमों के साथ मिला दिया गया था.

फ़ोर्टिफ़ाइड चावल

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के सम्बोधन में कहा था कि देश के लोगों को खाद्य सुरक्षा के तहत फ़ोर्टिफ़ाइड चावल की आपूर्ति की जानी चाहिए ताकि उन्हें एनीमिया जैसी बीमारी और सूक्ष्म पोशाक तत्वों की कमी से जूझना ना पड़े.

योजना का लाभ

योजना के तहत राशन कार्डधारक परिवारों को 5 किलो खाद्यान्न फ़्री में उपलब्ध कराया जाता है. जिसमें 5 किलो सब्सिडी वाला अनाज लोगों को मुफ़्त दिया जाता है. इस योजना का लाभ अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवारों को मिलता है. यानि गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार इस योजना के अंतर्रगत आते हैं.