AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड मामले में बेंगलूरु ने उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से और सास-साले को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया है. बता दें कि ससुराल जौनपुर में उनके घर पर ताला लटका हुआ है. घटना वाले दिन रात में अंधेरे का फायदा उठाकर दोनों लोग फरार हो गए थे. इस दौरान उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका भी दायर की गई थी.
अतुल सुभाष की पत्नी जेल में
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, अतुल सुभाष केस में गिरफ्तार हुए तीनों आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बेंगलूरु पुलिस की ओर से बताया गया है कि पहली आरोपी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है. जबकि दूसरे और तीसरे आरोपी निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया को यूपी के प्रयागराज से पकड़ा गया है.
इन तीनों को कोर्ट में पेश कर पुलिस हिरासत में देने की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अतुल सुभाष मामले में तब जोर पकड़ा, जब बेंगलूरु पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद जौनपुर आई, जैसे ही निकिता सिंघानिया के घर वालों को इसकी भनक लगी तो 11 दिसंबर की रात ही घर पर ताला लटकाकर अँधेरे में बाइक से कहीं चले गएं. इस दौरान मीडिया ने उनसे बात करने की बात, लेकिन इस दौरान उन्होंने मीडिय़ा के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया.
बेंगलूरु पुलिस ने घर पर लगाया था नोटिसः
इसके बाद जब बेंगलूरु पुलिस की टीम शुक्रवार को जौनपुर पहुंची तो निकिता सिंघानिया के घर पर नोटिस लगवा दिया था. नोटिस में तीन दिन के अंदर बयान दर्ज करने के लिए कहा गया था. हालांकि जब वो पेश नहीं हुए तो उनकी गिरफ्तारी कर ली गई है. इसके पहले निकिता सिंघानिया की ओर से अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी.
9 दिसंबर को बेंगलुरु में किया था सुसाइडः
अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को अपने बेडरुम के सीलिंग फैन से लटककर फांसी लगा ली. उन्होंने सुसाइड के वक्त जो टीशर्ट पहनी थी, इस पर लिखा था JUSTICE IS DUE. इससे पहले डेढ़ घंटे का वीडियो और 24 पन्नों की चिट्ठी में अतुल ने सुसाइड के पत्नी, ससुरालवालों और न्यायिक व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया. उनकी शादी साल 2019 में हुई थी. जिससे उन्हें एक बच्चा भी हुआ. शादी के दो साल बाद पत्नी की ओर से दहेज उत्पीड़न, पिता की हत्या और अप्राकृतिक यौन शोषण तक के 9 केस अतुल के खिलाफ दर्ज करा दिए. इस दौरान अतुल ने आरोप लगाया कि इन मामलों को सेटलमेंट करने के लिए उनसे 3 करोड़ रुपये की मांग की गई थी.
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