भारत के दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी एक बार फिर मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं. हिडनबर्ग के बार एक बार फिर उनकी सभी कंपनियों के शेयरों में तगड़ी गिरावट देखने को मिली. हालत ये रही कि अडानी की कई कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट लग गया.
अडानी की सभी कंपनियों के शेयर लाल निशानपर कारोबार कर रहे हैं. अडानी के शेयरों में गिरावट की वजह अमेरिका से आई एक खबर है जिसमें अडानी सहित 8 लोगों पर रिश्वत देने ओर धोखाधड़ी करने के गंभीर आरोप लगे हैं.
यूनाइटेड स्टेट आटॉर्नी ऑफिस का आरोप है कि सोलर एनर्जी से जुड़ा एक कान्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारत में अमेरिकी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर यानि की तकरीबन 2236 करोड़ रूपये की रिश्वत देने और उसे छिपाने की कोशिश की गई.
गौतम अडानी को कथित अरबों डॉलर की रिश्वत और धोखाधड़ी योजना में उनकी भूमिका के लिए अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन द्वारा दोषी ठहराया गया है. रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला सोलर एनर्जी सप्लाई का एक कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले से जुड़ा है.
आरोप है कि गौतम अडानी उनके भतीजे सागर अडानी समेत सात अन्य लोगों ने कान्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी. ये रिश्वत साल 2020 से 2024 के बीच दिए जाने का आरोप है.
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो इस सौदे से अडानी को अगले 20 सालों में 2 बिलियन डॉलर का फायदा होने का अनुमान था. इस मामले में अमेरिकी अदालत ने ये भी कहा कि अडानी और अडानी ग्रीन एनर्जी के अन्य कार्यकारी विनीत जैन ने ऋणदाताओं और निवेशकों को धोखे में रखकर कंपनी के लिए 3 अरब डॉलर से अधिक के ऋण और बांड जुटाए.
ये मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब कुछ ही दिन पहले अडानी ग्रुप ने अमेरिका में बड़ा निवेश करने का एलान किया था. उन्होंने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जीत की बधाई देते हुए कहा था कि हम अमेरिका में 10 अरब डॉलर का निवेश करेंगे और उससे अमेरिका में 15 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
आज आई इस खबर के बाद अडानी की सभी कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए और उन्हें व उनके निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ. अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पोर्टस, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अंबुजा सीमेंट में तो लोअर सर्किट लगा.
कई स्टॉक में 10 तो किसी में 15 तो किसी में 20 प्रतिशत का लोअर सर्किट लगा. इसके अलावा भी अन्य कंपनियों के स्ऑक में 15 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई.