यूरिया एवं DAP की खरीद पर अब सरकार नियंत्रण लगाने जा रही हैं. इसके लिए किसानों को अब डीएपी और यूरिया खरीदने पर आधार कार्ड लगाना अनिवार्य होगा. अब बिना आधार कार्ड के रासायनिक उर्वरकों की खरीद संभव नहीं हो सकेगी. अब खेती में रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी.
योजना पीएम प्रणाम योजना संचालित की जा रही हैं. इसमें सरकार जैविक खेती से पैदा होने वाले उत्पादों की मार्केटिंग पर जोर देगी. इससे किसानों को सीधा फायदा मिल सकेगा.
उर्वरक की खरीदी पर आधार कार्ड जरूरी :
पीएम प्रणाम योजना के अंतर्गत यूरिया व डीएसपी खाद का संतुलित उपयोग एवं खाद्य के पोषक तत्वों को अन्य खाद्य के माध्यम से पूर्ति की जा सके, इसके लिए सरकार रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने में लगी है. कम से कम रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी एवं पर्यावरण की गुणवत्ता बनी रहे, इसके लिए कम से कम रसायनों का इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है.
जिले में इफ़को नैनो तकनीक आधारित नैनो यूरिया की 12072 बोतल और नैनो डीएसपी की 1344 बोतल उर्वरक की उपलब्धता बिक्री केंद्रों पर है. जिला कृषि अधिकारी गगन दीप सिंह ने लोकल 18 को बताया कि जिले में उर्वरक बिक्री केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरक मौजूद है. इसकी खरीदी लिए आधार कार्ड जरूरी है.
पिछले साल एक किसान को मिले थे तीन बैग :
पिछले साल एक किसान को आधार कार्ड पर 50 किलोग्राम वजन के तीन बैग दिए जा रहे थे. डीएपी खाद का उत्पादन देश में गुजरात स्थित कांंडला व उड़ीसा प्लांट में होता है. यह देश में खपत के लिहाज से काफी कम है. हालांकि, सरकार नैनो यूरिया व नैनो डीएपी भी बाजार में उपलब्ध करवा रही है.
सरकार को खाद पर सब्सिडी भी देनी पड़ती है.प्रति एकड़ कम से कम एक बैग डीएपी व एक बैग यूरिया की जरूरत होती है. इस बार एक किसान को एक आधार कार्ड पर चार बैग डीएपी दी जा रही है.