New virus: लोग अभी साल 2019 में चीन में हुई कोविड 19 की शुरुआत को भूले नहीं है. इस वायरस ने दुनिया भर में ऐसा तांडव किया था कि पूरी दुनिया थम गई थी. कोविड-19 के बाद अब चीन में कई खतरनाक वायरस का आगमन हो चुका है. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा हैं. कि अस्पताल में लोगों की भीड़ है, श्मशान घाट में भी भीड़ लगी है. ऐसे में हम सबके मन में सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर ये वायरस क्या है? कोविड-19 से कितना खतरनाक है?
यह स्थिति लोगों को कोरोना महामारी के शुरुआती दौर की याद दिला रही है. सवाल उठता है कि यह बीमारी क्या है, कितनी खतरनाक है और क्या दुनिया को फिर से लॉकडाउन जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा?
चीन कोविड-19 महामारी के पांच साल बाद ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के प्रकोप से निपट रहा है. रिपोर्ट और सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलता है कि वायरस तेजी से फैल रहा है, कुछ का दावा है कि अस्पताल और शवदाहगृह भरे पड़े हैं.
ऑनलाइन शेयर किए गए वीडियो में भीड़ भरे अस्पताल दिखाई दे रहे हैं, जिसमें कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस फैल रहे हैं.
⚠️ BREAKING:
China 🇨🇳 Declares State of Emergency as Epidemic Overwhelms Hospitals and Crematoriums.
Multiple viruses, including Influenza A, HMPV, Mycoplasma pneumoniae, and COVID-19, are spreading rapidly across China. pic.twitter.com/GRV3XYgrYX
— SARS‑CoV‑2 (COVID-19) (@COVID19_disease) January 1, 2025
RSV और इन्फ्लुएंजा का भी कहर :
HMPV के अलावा, चीन में अन्य वायरस भी फैल रहे हैं, जिनमें RSV (रेस्पिरेटरी सिन्सिशियल वायरस) और इन्फ्लुएंजा प्रमुख हैं. ये सभी वायरस मिलकर संक्रमण की दर को बढ़ा रहे हैं और हालात को और गंभीर बना रहे हैं.
चीन में बिगड़ते हालात :
चीन के कई बड़े शहरों में अस्पताल क्षमता से अधिक भरे हुए हैं. डॉक्टर और नर्स 24 घंटे काम कर रहे हैं. श्मशान घाटों पर लाशों की संख्या बढ़ रही है, जिससे लोगों के बीच दहशत फैल गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि HMPV और अन्य वायरस का प्रभाव अभी क्षेत्रीय स्तर तक सीमित है. हालांकि, यह जरूरी है कि दूसरे देश इस पर नजर रखें और अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार रखें.
HMPV के लक्षण और खतरनाक प्रभाव :
HMPV के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह शुरू होते हैं, जैसे खांसी, बुखार, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और कमजोरी. लेकिन यह गंभीर मामलों में निमोनिया और ब्रॉन्काइटिस का कारण बन सकता है.
खासकर बच्चों और बुजुर्गों में. चिकित्सकों के अनुसार, इस वायरस का फिलहाल कोई विशेष टीका या दवा उपलब्ध नहीं है. इसका इलाज केवल लक्षणों को कंट्रोल करने के आधार पर किया जा रहा है.