Red Chandan: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहाँ की फल, फूल सब्जी ,अनाज और लकड़ियों की ऐसी दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं. जिन्हें उगाना तो आसान है लेकिन इनकी कीमत करोड़ों रुपये में होती हैं. ऐसी ही एक दुर्लभ प्रजाति है लाल चंदन (Red Chandan) जी हां अभी तक आपने सिर्फ सफेद चंदन का नाम सुना होगा.
Red Chandan की खेती
लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल चंदन(Red Chandan) को दुनिया की सबसे दुर्लभ पर सबसे महत्वपूर्ण लकड़ी माना जाता है. इसका इस्तेमाल संगीत के वाद्य यंत्र बनाने, फर्नीचर और मूर्तियां बनाने के अलावा और औषधियां बनाने के लिये किया जाता है. लाल चंदन(Red Chandan) की मांग तो दुनियाभर में होती है, लेकिन इसका सबसे अच्छा उत्पादन सिर्फ भारत में ही होता है.
Red Chandan कैसे करें लाल चंदन की खेती :
लाल चंदन (Red Chandan) की खेती करने के लिए इसके पौधों को नर्सरी से खरीद सकते हैं. इसकी खेती के लिए मई से जून तक का मौसम उपयुक्त माना जाता हैं.
- लाल चंदन (Red Chandan) की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत में 4-5 गहरी जुताई करें और पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें.
- खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें और ज्यादा जलभराव के कारण लाल चंदन के पेड़ गलकर खराब हो जाते हैं.
- इसकी रोपाई के लिये 45 सेमी. की लंबाई-चौड़ाई-ऊंचाई वाले गड्ढों की खुदाई करें.
- इन गड्ढ़ों में विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक गोबर की खाद और दूसरे उर्वरक डालकर ऊपर से मिट्टी से ढंक दें.
- लाल चंदन के पौधों को 10*10 फीट पर रोपाई कर दें और हाथोंहाथ हल्की सिंचाई का काम कर लें.
- ध्यान रखें कि हर 10-15 दिन में लाल चंदन के पौधों की सिंचाई करते रहें.
- हर साल अप्रैल-मई के बीच पत्ता खाने वाली इल्ली का खतरा फसल पर बना रहता है, जिसकी रोकथाम के लिये नीम के जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें.
- आम चंदन के मुकाबले लाल चंदन का पेड़ की लंबाई सिर्फ 9 मीटर तक ही सीमित होती है, जिसकी त्रिकोणीय पत्तियां होती है.
यह ज्यादा से ज्यादा 150-175 सेमी. की मोटाई तक फैल सकता है. भारत में ज्यादातर इसका प्रयोग धार्मिक अनुष्ठान, ब्यूटी प्रॉडक्ट्स और औषधीयां बनाने में ही किया जाता है.
Red Chandan में ध्यान रखने योग्य बातें :
भारत में लाल चंदन सिर्फ दक्षिणी इलाकों में घने जंगलों में पाया जाता है. करोड़ों की उपज देने वाला ये पेड़ 6 देशों के अलावा सिर्फ भारत में ही प्राकृतिक रूप से मौजूद है, लेकिन किसान चाहें तो इसकी नकदी खेती की शुरुआत कर सकते हैं.
- लाल चंदन भी सफेद चंदन की तरह ही एक परजीवी पेड़ है, जो दूसरे पेड़-पौधों से पोषण लेता है.
- बात करें सिंचाई की तो सिर्फ 3-4 लीटर पानी में ही एक सप्ताह की सिंचाई का काम हो जाता है, क्योंकि लाल चंदन में ज्यादा पानी के इस्तेमाल से गलन की समस्या हो सकती है.
- इसका पेड़ 5-6 मीटर की लंबाई हासिल कर लेता है, लेकिन इसकी अच्छी मोटाई होने पर ही कटाई करनी चाहिये.
- लाल चंदन जैसी दुर्लभ प्रजाति के पेड़ों को बढ़ने में काफी समय लग जाता है, लेकिन इसकी 1 टन लकड़ी से ही 20-40 लाख रुपये की कमाई हो जाती है.
यह भी पढ़े: https://akhbaartimes.com/president-draupadi-murmu-appointed-governors-of-many-states/