एक देश-एक चुनाव के लिए संयुक्त संसदीय कमेटी (JPC) का गठन हो गया है. 31 सदस्यों की जेपीसी में अनुराग ठाकुर और प्रियंका गांधी जैसे सांसदों के नाम शामिल हैं. इस कमेटी की अध्यक्षता बीजेपी सांसद पी.पी.चौधरी करेंगे. वन नेशन वन इलेक्शन बिल को लोकसभा में स्वीकार कर लिया गया है. अब इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया है.
JPC
जेपीसी की सिफारिशें मिलने के बाद अब नरेंद्र मोदी सरकार की अगली चुनौती इसे संसद में पास कराने की होगी. वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़ा बिल संविधान संसोधन विधेयक है इसलिए लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होगी. अनुच्छेद 368(2) के तहत संविधान संसोधनों के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है. ऐसे में लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत द्वारा इस विधेयक को मंजूरी भी देनी होगी.
- पी.पी.चौधरी
- डॉ. सीएम रमेश
- बांसुरी स्वराज
- परषोत्तमभाई रूपाला
- अनुराग सिंह ठाकुर
- विष्णु दयाल राम
- भर्तृहरि महताब
- डॉ. संबित पात्रा
- अनिल बलूनी
- विष्षु दत्त शर्मा
- प्रियंका गांधी वाड्रा (कांग्रेस)
- मनीष तिवारी (कांग्रेस)
- सुखदेव भगत (कांग्रेस)
- धर्मेंद्र यादव( समाजवादी पार्टी)
- कल्याण बनर्जी (TMC)
- टी.एम सेल्वागणपति (DMK)
- जीएम हरीश बालयोगी (TDP)
- सुप्रिया सुले (NCP-शरद गुट)
- डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना-शिंदे गुट)
- चंदन चौहान (RLD)
- बालाशोवरी वल्लभनेनी (जनसेना पार्टी)
क्या काम करेगी जेपीसीः
सरकार ने इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा है. JPC का काम है इस पर व्यापक विचार-विमर्श करना, विभिन्न पक्षकारों और विशेषज्ञों से चर्चा करना और अपनी सिफारिशें सरकार को देना. वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष इसके बारे में कहते हैं कि JPC की जिम्मेदारी है कि वो व्यापक परामर्श करें और भारत के लोगों की राय को समझें.
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