देश का किसान अपनी मांगों को लेकर बार-बार दिल्ली आने का प्रयास कर रहा लेकिन हर बार उन्हें दिल्ली से पहले ही रोक दिया जाता है. हाल ही में शंभू बॉर्डर से तीन बार दिल्ली कूच की विफल कोशिश के बाद अब किसानों ने अपने आंदोलन की रणनीति को बदलने का उलान कर दिया है.
शंभू बॉर्डर से हुआ एलान
नई प्लानिंग के तहत अब किसान 16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च और 18 दिसंबर को रेल रोको अभियान चलाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि दिल्ली के लिए अगला जत्था अब कब कूच करेगा.
Farmer leader announces ‘Tractor March’ and ‘Rail Roko’ on Dec 16, 18 in Punjab
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— ANI Digital (@ani_digital) December 14, 2024
शंभू बॉर्डर से किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने एलान किया कि हम सभी तबकों से अपील करते हं कि उठिए और हमारा साथ दीजिए. उन्होंने कहा कि 3 करोड़ पंजाबियों को चैलेंज है कि हर जगह रेलों को जाम करना है. ट्रेनें वहां पर रोकनी है जहां पर रेलवे प्लेटफार्म या रेल फाटक हो.
शंभू बॉर्डर से किसानों का संदेश उनकी आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता
शंभू बॉर्डर से किसानों के संदेश को स्पष्ट करते हुए पंढेर ने कहा कि हमारे देश के आधे से अधिक लोग खेती किसानी से जुड़े हैं, उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता. किसान नेता ने सत्ता पक्ष के अलावा विपक्ष को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि राहुल गांधी किसानों का मुद्दा संसद में क्यों नहीं उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष को सिर्फ बयान देकर अपनी भूमिका से भागना नहीं चाहिए.
#WATCH | Shambhu Border: Farmer leader Sarwan Singh Pandher says, “Indian government, the fifth largest economy in the world, used force against 101 farmers… Chemical water was thrown at us using cannons. Bombs were thrown at us. Tear gas shells were also thrown… 17 farmers… pic.twitter.com/VYQsIfOqQz
— ANI (@ANI) December 14, 2024
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब संसद में संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस चल रही है तो संसद में कोई भी नेता किसानों की आवाज नहीं उठा रहा है.
सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि हमारे विरोध पर कौन सा संविधान लागू होता है, आखिर 101 किसानों के जत्थे से देश की कानून व्यवस्था को कैसे खतरा हो सकता है.
बता दें कि देश के किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं.
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