उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के रहने वाले प्रदीप कुमार अब जज बन सकेंगे, साल 2017 में उन्होंने उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा को पास कर लिया था लेकिन उनपर चल रहे जासूसी और राजद्रोह के मुकदमे की वजह से अब तक उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया था.

जासूसी के आरोप से बरी प्रदीप कुमार बनेंगे अब जज

अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि 15 जनवरी तक उनका नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाए. प्रदीप कुमार की ओर से दायर याचिका पर आदेश पारित करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डी रमेश की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को दो आपराधिक मामलों में बाइज्जत बरी कर दिया गया था और दोनों ही मामलों में आरोपों में कोई सत्यता नहीं पाई गई.

जज

अदालत ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को आचरण सत्यापन कराने और सभी औपचारिकताएं पूरी कर 15 जनवरी 2025 तक नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है.

2016 में याचिकाकर्ता ने किया था आवेदन

याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा में साल 2016 में आवेदन किया था जिसमें उसने अपने ऊपर चल रहे दो मुकदमों जिनमें एक जासूसी और दूसरा राजद्रोह का था उन मुकदमों में 06 मार्च 2014 को बरी किए जाने का उल्लेख किया था. ये मुकदमें साल 2002 में कानपुर नगर में दर्ज किए गए थे.

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परीक्षा में सफल होने के बाद 18 अगस्त 2017 को हाईकोर्ट ने चयनित अभ्यर्थियों की सूची राज्य सरकार को भेजी और नियुक्ति की सिफारिश की लेकिन प्रदीप कुमार का नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब प्रदीप कुमार के जज बनने का रास्ता साफ हो गया है.

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