कई मोर्चों पर एकसाथ जंग लड़ने वाल इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर उनके अपने ही देश में भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप हैं और वहां की अदालत में उनका मुकदमा चल रहा है. अगर उनपर आरोप साबित हो गए तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है.
अदालत के कटघरे में खड़े हुए नेतन्याहू
इजराइली प्रधानमंत्री को आज पहली बार गवाही देने के लिए अदालत में पेश होना पड़ा. ये इजराइली इतिहास में पहला मौका था जब किसी प्रधानमंत्री को अदालत में खड़े होना पड़ा.
गवाही के दौरान नेतन्याहू ने न्यायधीशों को हैलो कहा, इसपर न्यायधीश ने कहा कि उनके पास भी अन्य गवाहों की तरह विशेषाधिकार है कि वो अपनी इच्छानुसार खड़े या बैठ सकते हैं.
नेतन्याहू ने कहा कि सच कहने के लिए मैने इस पल का आठ साल इंतेजार किया है. अपने ऊपर लगे आरोपों को उन्होंने बेबुनियाद करार दिया और वादा किया कि उनका बयान अभियोजन पक्ष के मामले को खत्म कर देगा.
इस दौरान नेतन्याहू ने घटनाओं के बारे में बताना शुरू किया तो वो सहज दिखाई दिए. नेतन्याहू ने कुछ भी गलत करने से इंकार करते हुए कहा कि ये आरोप उनके लंबे शासन को खत्म करने के लिए शत्रुतापूर्ण मीडिया और पक्षपाती कानूनी प्रणाली द्वारा रचित एक साजिश है. उनकी गवाही में उन घोटालों का जिक्र है जो उनके और उनके परिवार के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं.
नेतन्याहू पर जो पहला केस है वो गिफ्ट घोटाले के रूप में जाना जाता है. आरोप है कि नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा को राजनीतिक लाभ के बदले में दो धनी व्यापारियों से भारी उपहार मिले.
इस तरह धोखाधड़ी और विश्वासघात के लिए तीन साल की और रिश्वतखोरी के आरोप में 10 साल की सजा हो सकती है. उनपर दूसरा मुकदमा मीडिया कवरेज के लिए सौदेबाजी का है और तीसरा केस एक दूरसंचार कंपनी को लाभ देने का है.
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