महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की सरकार का शपथग्रहण होने के बाद अब मंत्रालय के बंटवारे को लेकर गठबंधन के तीनों दलों के बीच जमकर खींचातानी चल रही है. तीनों ही दल अहम मंत्रालय अपने पास रखना चाहते हैं.
महाराष्ट्र में नई सरकार नए पेंच
एकनाथ शिंदे की मांग है कि उन्हें गृह मंत्रालय दिया जाए वहीं अजित पवार वित्त मंत्रालय अपने पास रखना चाहते हैं. बीजेपी ये दोनों मंत्रालय अपने दोनों सहयोगी दलों को देने को राजी नहीं है. यही वजह है कि अब तक मंत्रालयों का बंटवारा नहीं हो पाया है.
भाजपा सूत्रों के हवाले से खबर है कि भाजपा ने शिंदे को गृह मंत्रालय देने से साफ इंकार कर दिया है और विकल्प के तौर पर उनके सामने तीन अहम मंत्रालयों की सूची को रख दिया है. शिंदे को इन तीनों में से किसी एक मंत्रालय को चुनने के लिए कहा गया है.
हालांकि अब तक शिंदे की तरफ से कोई भी जवाब नहीं दिया गया. शिंदे की खामोशी भाजपा के लिए परेशानी बढ़ा सकती है. बताया जा रहा है कि भाजपा ने शिंदे को राजस्व मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय और सार्वजनिक कार्य मंत्रालय में से एक का चयन करने को कहा है.
शिंदे गुट की ओर से गृह मंत्रालय ना मिलने की सूरत में वित्त मंत्रालय की इच्छा जाहिर की जा रही है क्योंकि ये भी बहुत पावरफुल विभाग है. लेकिन पिछली सरकार में ये मंत्रालय अजित पवार के पास था इसलिए अजित पवार उसे फिर से वापस पाने के लिए दबाव बना रहे हैं.
शिंदे के करीबी उदय सावंत से जब पूछा गया कि क्या शिंदे को गृह मंत्रालय मिलेगा या नही तो उन्होंने जवाब दिया कि मांगने में क्या आपत्ति है. इसका फैसला तो चर्चा के बाद ही होगा.
सावंत ने कहा कि एकनाथ शिंदे नाराज नहीं हैं, शिवसेना को क्या मिलेगा ये शिंदे ही तय करेंगे, हमने उन्हें सारी शक्तियां दे दी हैं लेकिन हम चाहते हैं कि शिंदे को उनकी क्षमता के अनुसार ही मंत्रालय दिया जाए.
बता दें कि एकनाथ शिंदे पहले मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन भाजपा के दबाव के आगे उन्हें झुकना पड़ा और सीएम बनने की जिद छोड़नी पड़ी. इसके बाद वो गृह मंत्रालय सहित कई अहम मंत्रालय मांग रहे थे. अब देखना ये दिलचस्प होगा कि शिवसेना और एनसीपी को कौन-कौनसे मंत्रालय दिए जाते हैं.
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