Sambhal: संभल में हुई हिंसा के बाद विपक्षी दलों के तमाम नेताओं ने वहां जाकर हालात का जाएजा लेने की कोशिश की लेकिन प्रशासन ने हर बार वहां पर नेताओं को जाने से रोक दिया. आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संभल जाने के लिए निकले लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोककर वापस भेज दिया.

Sambhal में नेताओं को रोकने पर भड़के अखिलेश यादव

इस मामले को लेकर आज विपक्षी दलों के कई नेता भाजपा सरकार पर भड़क उठे. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने संसद के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि संभल हिंसा मामले में सरकार ऐसा क्या छिपाना चाह रही है कि किसी नेता को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है.

संभल हिंसा के लिए उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया और कहा कि वोटिंग में हुई धांधली को छिपाने के लिए संभल में हिंसा करवाई गई. सपा अध्यक्ष ने कहा कि संभल में जो कफछ हुआ वो भाजपा सरकार के इशारे पर वहां के स्थानीय प्रशासन ने अंजाम दिया और ये बात समाजवादी पार्टी और प्रदेश की जनता अच्छे से जानती है.

उन्होंने कहा कि जब एक बार सबकी रजामंदी से मस्जिद का सर्वे हो गया तो फिर दोबारा सर्वे क्यों कराया गया. अखिलेश ने कहा कि दोबारा सर्वे कराने का मकसद झगड़ा करना था और जो लोग वहां पर नारेबाजी करते हुए गए थे आखिर उनपर क्या कार्रवाई हुई. उन्होंने कहा कि वहां के प्रशासन की कार्यशैली और भाषा लोकतंत्र के खिलाफ है.

सपा नेता ने कहा कि वहां पर लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है, चीजों को छिपाया जा रहा है इसलिए 10 तारीख के बाद जाने देने की बात की जा रही है. वहां का प्रशासन पीड़ितों पर दबाव बनाकर अपने हिसाब से बयान दिलवा रहा है.

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को तरक्की खुशहाली और विकास से कोई लेना देना नहीं है, भाजपा ने सबसे बड़ा कारनामा तक किया जब लोगों को वोट डालने से रोका गया, इस बात की शिकायत पार्टी और आम जनता ने की थी.

उन्होंने कहा कि यूपी का चुनाव 13 तारीख को होना था जिसे भाजपा ने साजिश के तहत बदलवाकर 20 तारीख करवा दिया और फिर 19 तारीख को आनन फानन में सर्वे कराया गया, फिर चुनाव के बाद 21 तारीख को वहां पर हिंसा इसलिए करवाई गई ताकि लोग चुनाव में हुई धांधली की बात ना कर सकें.

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