देश की सर्वोच्य अदालत ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने वाली याचिका को आज खरिज कर दिया. अदालत ने कहा कि जब आप चुनाव जीत जाते हैं तो ईवीएम सही हो जाती है, जब आप हार जाते हैं तो ईवीएम खराब हो जाती है. हम इसे कैसे देख सकते हैं.

याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतपत्रों को फिर से लागू करना जरूरी है क्योंकि ईवीएम से छोड़छाड़ की आशंका बनी रहती है.

उन्होंने टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क की ईवीएम पर टिप्पणी का भी जिक्र किया जिसमें मस्क ने कहा था कि ईवीएम की हैकिंग की जा सकती है. इस पर अदालत ने कहा कि जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी चुनाव हारते हैं तो वो कहते हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जाती है और जब वो जीतते हैं तो वो कुछ नहीं कहते. हम इसे कैसे देखते हैं, हम इस याचिका को खारिज करते हैं.

याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा कि उन्होंने जनहित याचिका दायर की है तो पीठ ने कहा कि आपके पास दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं, आपको ये शानदार विचार आते कहां से हैं.

याचिकाकर्ता ने कहा कि वो ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं जिसने 03 लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख से अधिक विधवाओं को बचाया है. इसपर पीठ ने कहा कि आप इस राजनीतिक क्षेत्र मे क्यों उतर रहे हैं, आपका कार्यक्षेत्र बहुत अलग है.

पॉल ने कहा कि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है. बता दें कि इससे पहले भी ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की कई याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं.

आज संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस पार्टी की ओर से बड़ा एलान करते हुए कहा गया कि वो बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए पूरे देश में भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर अभियान चलाएंगे. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की तगड़ी हार के बाद एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा चर्चा में आ गया है.